Home » National » सीट शेयरिंग नहीं, जीत मायने रखती है — चिराग पासवान की NDA से बड़ी शर्त

सीट शेयरिंग नहीं, जीत मायने रखती है — चिराग पासवान की NDA से बड़ी शर्त

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

नई दिल्ली 19 सितंबर 2025

चिराग पासवान ने रखी ‘विन-उपरांत’ विशेष मांग

निरीह सी सीटों की गिनती से ज़्यादा, चिराग पासवान का मानना है कि NDA गठबंधन में उनका महत्व सीटों की संख्या नहीं, बल्कि जीत की क्षमता से मापा जाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा है कि ‘दो सीटें ज़्यादा हों या कम हों’ इससे ज़्यादा अहमियत यह है कि वे सीटें जीती जाएँ। इस बयान से ज़ाहिर है कि वे सिर्फ़ संख्या की नहीं, बल्कि पॉलीटिकल असर और सत्ता भागीदारी की गारंटी चाहते हैं।

बिहार की सियासत में सीट-बाजार की चपेट

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट वितरण की चर्चा जोरों पर है। लोज़ा पासवान (राम विलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान ने संकेत दिया है कि यदि गठबंधन में उन्हें एवं उनकी पार्टी को पर्याप्त उपयोगी क्षेत्र नहीं दिए गए, तो वह भूमिका को लेकर असहज हो सकते हैं। उनका मानना है कि गठबंधन के सभी सहयोगी अगर “विन-ड्रीविंग” स्थिति में नहीं हों, तो गठबंधन की विश्वसनीयता प्रभावित होगी।

NDA को भी चुनौती

चिराग पासवान के इस रुख़ से NDA को चुनौतियाँ मिल रही हैं। भाजपा सहित अन्य पार्टनर इस बात से सहमत हो सकते हैं कि जीत ही मायने रखती है, लेकिन सीटों के बंटवारे का असंतुलन साथी दलों के बीच अविश्वास पैदा कर सकता है। चाहे BJP हो या JD(U), सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि पासवान कितने ‘गुणवत्तापूर्ण’ क्षेत्र चाहते हैं और जैसा दावा करते हैं, कितना दम दिखा पाते हैं।

जनता की उम्मीद व राजनीतिक भविष्य

चिराग की इस शर्त ने पार्टी और गठबंधन दोनों के बीच दबाव बढ़ा दिया है। जनता देख रही है कि उम्मीदवार कौन होगा, किस तरह से जनता-सेवा और चुनावी रणनीति तय होगी। यदि चिराग और उनकी पार्टी मजबूत विकल्प साबित हुई, तो उन्हें सिर्फ सीटों के लिए नहीं, बल्कि लोगों के भरोसे के लिए भी मान्यता मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *