संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा युद्ध पर दुनिया से दो-टूक अपील करते हुए कहा है कि अब वक्त आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेशों को ज़मीन पर लागू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि गाजा की त्रासदी एक “भयंकर युद्ध” का रूप ले चुकी है जो लगातार तीसरे वर्ष में दाखिल हो गया है। गुटेरेस ने इसे आधुनिक युग के सबसे खतरनाक और अमानवीय संघर्षों में से एक बताते हुए कहा कि यह युद्ध न केवल लाखों जिंदगियों को तबाह कर रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून को भी चुनौती दे रहा है।
महासचिव ने साफ कहा कि “पेलिस्तीनी जनता को सामूहिक दंड देना किसी भी क़ानून और इंसानियत के खिलाफ है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि गाजा में जो कुछ हो रहा है, उसे किसी भी बहाने से सही नहीं ठहराया जा सकता। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने हाल ही में अपने आदेश में कहा था कि इज़राइल को गाजा में नागरिकों की रक्षा के लिए बाध्यकारी कदम उठाने होंगे। गुटेरेस ने दुनिया को याद दिलाया कि यह आदेश केवल कागज़ पर नहीं रहना चाहिए, बल्कि वैश्विक ताकतों की जिम्मेदारी है कि इसे लागू कराया जाए।
गाजा की स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है। अस्पताल ढह रहे हैं, बिजली और पानी जैसी मूलभूत ज़रूरतें लगभग ठप हैं और लाखों लोग मानवीय सहायता का इंतजार कर रहे हैं। गुटेरेस ने कहा कि युद्ध की यह हालत अब “अस्वीकार्य” की हद पार कर चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी और निष्क्रियता इस संकट को और गहरा रही है।
यूएन महासचिव ने वैश्विक नेताओं से आह्वान किया कि वे तुरंत ठोस कदम उठाएं और न केवल ICJ के निर्णयों को लागू करें, बल्कि गाजा में युद्धविराम और स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ फिलिस्तीनियों या इज़राइल का मसला नहीं है, बल्कि यह मानवता का प्रश्न है। गुटेरेस ने स्पष्ट कर दिया कि अगर अब भी दुनिया ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह युद्ध आने वाली पीढ़ियों के लिए शर्म और ग्लानि का कारण बन जाएगा।
गाजा युद्ध पर गुटेरेस की यह अपील अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति के लिए एक बड़ी चुनौती है। सवाल यह है कि क्या दुनिया इस भयंकर संघर्ष को रोकने के लिए एकजुट होगी, या फिर निर्दोषों की जान जाती रहेगी और इतिहास इंसानियत की इस असफलता को हमेशा याद रखेगा।