पटना, बिहार
17 जुलाई 2025
बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली के हालिया बयान ने सूबे की सियासी फिज़ा में नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने न सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला, बल्कि भविष्यवाणी की कि आने वाले चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी।
दानिश अली के इस बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पर्दे के पीछे नीतीश कुमार और विपक्षी नेताओं के बीच कोई ‘गुप्त संवाद’ चल रहा है? हालांकि इसकी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अली की टिप्पणी को हल्के में नहीं लिया जा रहा।
“नीतीश सरकार रिमोट से चल रही है” न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में दानिश अली ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार की याददाश्त कमजोर हो चुकी है और अब उनका प्रशासनिक नियंत्रण केवल नाममात्र का है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा नीतीश कुमार का उपयोग अपनी सोशल इंजीनियरिंग रणनीति के तहत कर रही है, लेकिन चुनाव बाद उन्हें भी उनके पूर्व सहयोगियों की तरह बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
हत्या की घटनाओं से बढ़ा जन आक्रोश
दानिश अली ने हाल ही में पटना जिले के पुनपुन प्रखंड में सुरेंद्र केवट की हुई हत्या का भी जिक्र किया। बताया गया कि वह मोटर पंप बंद कर अपने खेत से लौट रहे थे, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ चार गोलियां चला दीं। इससे पहले 4 जुलाई को कारोबारी गोपाल खेमका की भी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
सियासी संकेत या रणनीतिक दबाव?
अब सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी राजनीतिक चालों से चौंकाने वाले हैं? या फिर विपक्षी गठबंधन ने अगली रणनीति की तैयारी शुरू कर दी है? बिहार की राजनीति में फिलहाल सबकुछ स्थिर नजर आ रहा है, लेकिन नीचे ही नीचे हलचलें बहुत कुछ कह रही हैं। एक बात तो तय है—बिहार की राजनीति में जल्द ही एक नया ‘खेला’ देखने को मिल सकता है।