नई दिल्ली 1 अक्टूबर 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जब 100 साल का हो रहा है, तो केंद्र सरकार ने इसे विशेष तहजीब के साथ मनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर RSS की गरीब और योगदानों को उजागर करते हुए एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया। इस कदम को संघ के योगदान और उसकी भूमिका को राष्ट्र निर्माता के रूप में स्थापित करने की प्रतीकात्मक पहल माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि RSS ने विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया है — शिक्षा, सामाजिक सेवा, राष्ट्रीय एकता — और अब देश इस सदियों पुराने संगठन की सेवा और बलिदान को याद कर रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह डाक टिकट और सिक्का जनता को यह याद दिलाएंगे कि कैसे संघ ने लोकसेवा की, ग्रामीण क्षेत्रों में काम किया और राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान दिया।
लेकिन इस घोषणा पर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध किया है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों का आरोप है कि यह कदम राजनीतिक प्रोपेगैंडा का हिस्सा है और इसे सत्ता पक्ष द्वारा संघ को और अधिक संवैधानिक स्वीकृति देने की कोशिश माना जा रहा है। विपक्ष ने कहा कि संघ पर विवादित इतिहास, नामकरण विवाद और उसके राजनीतिक हस्तक्षेप के प्रश्न हमेशा रहे हैं, और डाक टिकट और सिक्का जारी करके उन्हें सफेद धोती पहनाया जा रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह प्रकार्य रामराज्य की छवि और संघ की स्वीकार्यता को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। डाक टिकट और सिक्का केवल प्रतीकात्मक नहीं हैं — ये एक संदेश हैं कि केंद्र सरकार संघ को सार्वजनिक और राष्ट्रीय स्वीकृति देना चाहती है। अब यह देखना होगा कि जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी और इस कदम से संघ का राजनीतिक व सामाजिक स्वरूप किस तरह आकार लेता है।