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सुबह या रात? नहाने के सही समय पर विज्ञान की राय

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नई दिल्ली 24 सितम्बर 2025

नहाना रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है, लेकिन यह सवाल लंबे समय से बना हुआ है कि आखिर नहाने का सही समय कौन सा है — सुबह या रात? बीबीसी की ताज़ा रिपोर्ट में इस पर गहराई से चर्चा की गई है और वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और माइक्रोबायोलॉजिस्ट की राय सामने आई है। रिपोर्ट बताती है कि नहाना सिर्फ ताज़गी देने के लिए नहीं बल्कि शरीर की स्वच्छता और नींद की गुणवत्ता से भी जुड़ा है।

सुबह का स्नान: तरोताज़ा शुरुआत और बैक्टीरिया से छुटकारा

सुबह नहाने वाले लोगों का मानना है कि इससे दिन की शुरुआत बेहतर होती है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रिमरोज़ फ़्रीस्टोन कहती हैं कि सुबह नहाना रात भर शरीर पर जमा हुए पसीने, बैक्टीरिया और धूल को साफ करता है। रात के दौरान इंसान तकिए और बिस्तर पर 230 मिलीलीटर तक पसीना छोड़ता है, जो बैक्टीरिया और डस्ट माइट्स के पनपने के लिए आदर्श माहौल है। ऐसे में सुबह नहाने से न केवल आप तरोताज़ा होते हैं, बल्कि साफ-सुथरे तरीके से दिन शुरू करते हैं।

रात का स्नान: गहरी नींद और बेहतर स्वच्छता का अहसास

वहीं, रात को नहाने वाले मानते हैं कि पूरे दिन की थकान और गंदगी धोकर बिस्तर पर जाना उन्हें गहरी और सुकूनभरी नींद देता है। कई रिसर्च यह साबित करती हैं कि सोने से एक-दो घंटे पहले गुनगुने पानी से स्नान करने से नींद जल्दी आती है और नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और मस्तिष्क को आराम की स्थिति में पहुंचाता है।

छुपा खतरा: गंदी चादर और बैक्टीरिया का जमावड़ा

विशेषज्ञों का मानना है कि रात को नहाना तभी फायदेमंद है जब बिस्तर की चादर और तकिए साफ हों। गंदी चादर पर सोने से स्किन इन्फेक्शन और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है। डस्ट माइट्स और फंगस लंबे समय तक गंदे कपड़ों और बिस्तर पर टिके रहते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ हल की होली विल्किंसन कहती हैं कि अगर आप नहाकर सोते हैं लेकिन महीनों तक चादर नहीं बदलते, तो नहाने का कोई फायदा नहीं रह जाता। साफ बिस्तर को वे नहाने से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण मानती हैं।

 आपकी जीवनशैली पर निर्भर है सही समय

रिपोर्ट के मुताबिक, यह बहस शायद कभी खत्म न हो पाए कि सुबह नहाना बेहतर है या रात में। वैज्ञानिकों का कहना है कि असल मायने यह रखता है कि आप दिन में कितनी बार नहाते हैं और अपनी साफ-सफाई का कितना ध्यान रखते हैं। अगर दिन में एक बार नहाया जाए और शरीर के अहम हिस्सों को रोज़ाना धोया जाए तो सेहत के लिहाज से यह पर्याप्त है। सुबह हो या रात — नहाने का असर आपकी जीवनशैली, काम और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।

 

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