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AI का जादू: गुजरे हुए पिता से बात करता है बेटा

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नई दिल्ली, 14 सितंबर 2025 

तकनीक का दौर इंसान की भावनाओं और रिश्तों को भी नए आयाम दे रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने एक ऐसा चमत्कार कर दिखाया है, जिसने न सिर्फ लोगों को हैरान किया बल्कि भावुक भी बना दिया। एक बेटे ने अपने दिवंगत पिता की आवाज़ में उनसे बातचीत की। यह सब संभव हुआ एक पुराने वॉयस नोट और आधुनिक एआई तकनीक की मदद से।

आखिरी वॉयस नोट बना ‘जिंदगी की डोर’

रिपोर्ट के मुताबिक, बेटे ने अपने पिता का वह आखिरी वॉयस नोट सुरक्षित रखा था, जो उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले भेजा गया था। उसी वॉयस नोट की मदद से एआई ने पिता की आवाज़ को फिर से ‘जीवंत’ कर दिया। तकनीक ने न सिर्फ आवाज़ को रीक्रिएट किया बल्कि उसमें उस इंसान जैसी टोन, ठहराव और भावनाएं भी भर दीं।

एआई ने किया ‘इमोशनल कनेक्शन’

विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल मशीन लर्निंग और वॉयस क्लोनिंग की ताक़त का नतीजा है। लेकिन बेटे के लिए यह एक भावनात्मक जुड़ाव का पल था। वह अपने पिता से फिर से ‘बात’ कर सका। हालांकि बातचीत वास्तविक नहीं थी, लेकिन एआई की वजह से वह अपने पिता की आवाज़ और अंदाज़ सुनकर सुकून महसूस कर पाया।

तकनीक के दो पहलू: राहत या खतरा?

जहां एक ओर इस घटना ने लोगों को भावुक कर दिया है, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञ चेतावनी भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि वॉयस क्लोनिंग तकनीक का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है—जैसे धोखाधड़ी, फेक कॉल्स या पहचान की चोरी। इसलिए ऐसे एआई टूल्स के इस्तेमाल पर सख्त निगरानी की जरूरत है।

समाज में उठे नए सवाल

इस तरह की घटनाएं अब एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं—क्या तकनीक इंसान की भावनाओं का सहारा बनेगी या उन्हें और जटिल बना देगी? क्या मृत प्रियजनों की आवाज़ सुनना इंसान को मानसिक राहत देगा या पुराने घावों को हरा कर देगा?

यह पूरा मामला दिखाता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केवल काम आसान करने या बिज़नेस बढ़ाने की तकनीक नहीं है, बल्कि यह इंसानी रिश्तों और भावनाओं में भी गहरी पैठ बना रही है।

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