लिह/लद्दाख, 24 सितंबर 2025
लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर सोमवार को लेह में हुआ विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
कैसे भड़की हिंसा?
लेह के मुख्य बाज़ार में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए। देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने धारा 163 (BNSS) के तहत भीड़-भाड़ और रैलियों पर पाबंदी लगा दी।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
लद्दाख के संगठन Leh Apex Body (LAB) और Kargil Democratic Alliance (KDA) लंबे समय से राज्य का दर्जा, भूमि और नौकरियों की सुरक्षा, तथा छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में युवा कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में यह आंदोलन और तेज़ हुआ। इसी क्रम में पर्यावरणविद सोनम वांगचुक की 15 दिन लंबी भूख हड़ताल भी चर्चा में रही। वांगचुक ने हिंसा बढ़ने के बाद अपनी हड़ताल खत्म करते हुए जनता से शांति बनाए रखने की अपील की।
प्रशासन और सुरक्षा
हिंसा फैलने के बाद लेह में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस और सेना की संयुक्त गश्त जारी है। प्रशासन ने कहा है कि हालात नियंत्रण में हैं लेकिन तनाव बना हुआ है।
आगे की राह
लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच अगली वार्ता 6 अक्टूबर को प्रस्तावित है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि अगर सरकार ने मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और तेज़ होगा। वहीं सोनम वांगचुक और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जनता से अपील की है कि वे लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आवाज उठाएँ और हिंसा से दूर रहें।