जमशेदपुर 23 सितंबर 2025
झारखंड से आई खबर ने राज्य की राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक नन और उसके साथ मौजूद 19 बच्चों को पांच घंटे तक पूछताछ का सामना करना पड़ा। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह बच्चे कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए ले जाए जा रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार देर शाम नन बच्चों के साथ ट्रेन से सफर कर रही थी। तभी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर हंगामा किया और आरोप लगाया कि बच्चों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए बाहर ले जाया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने नन और बच्चों को रोककर पूछताछ शुरू कर दी।
पुलिस ने क्या किया?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नन और बच्चों से करीब 5 घंटे तक विस्तृत पूछताछ की गई। बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क किया गया। पूछताछ के बाद फिलहाल किसी ठोस सबूत के अभाव में नन और बच्चों को जाने दिया गया, लेकिन जांच अब भी जारी है।
बजरंग दल का आरोप
बजरंग दल का कहना है कि झारखंड में लगातार छिपकर धर्मांतरण गतिविधियां हो रही हैं और यह घटना उसी की एक कड़ी है। संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और धर्मांतरण के मामलों पर कड़ी रोक लगाई जाए।
नन का पक्ष
वहीं, नन ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि बच्चे अपने परिजनों की अनुमति से साथ जा रहे थे और उनका मकसद केवल शैक्षिक व सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना था।
राजनीतिक रंग
घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि धार्मिक भावनाओं को भड़काकर समाज में अविश्वास फैलाया जा रहा है। वहीं, सत्तापक्ष ने कहा कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और मामले की गहराई से जांच की जाएगी। यह घटना झारखंड में धर्मांतरण के मुद्दे पर फिर से बहस छेड़ने वाली साबित हो रही है।