लखनऊ 22 अक्टूबर 2025
लोग पूछते हैं क्या है जातिवाद? देखिए तो जरा — उत्तर प्रदेश के बाँदा ज़िले में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने सातवीं कक्षा के एक मासूम छात्र को सिर्फ़ इसलिए डंडों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया क्योंकि वो “यादव” था। शर्मनाक बात यह है कि इस बच्चे को सिर्फ़ इसलिए मारा गया क्योंकि उसने पढ़ाने के लिए मैडम को बुला लिया था। जब बच्चे ने इंसाफ़ माँगा तो कहा गया — “यादव हो पढ़कर क्या करोगे, जाओ भैंस चराओ…”
इस घटना की घोर निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इस जातिवादी सिस्टम के खिलाफ हम एकजुट हैं और मनुवादी मानसिकता के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे। अखिलेश यादव ने कहा है कि अब पूरा PDA वर्ग (पिछड़े, दलित, आदिवासी) एकजुट है। हम इस जातिवादी, घोर उत्पीड़क और शोषक मानसिकता के खिलाफ खड़े हैं। अब बीजेपी की इस नफ़रत की राजनीति का अंत होगा —PDA का सूरज उगेगा, PDA का हर बच्चा पढ़ेगा, और तरक्की करेगा।
यही है बीजेपी राज में जातिवाद का असली चेहरा।
यह वही बीजेपी है जो मंचों पर “सबका साथ, सबका विकास” का नारा लगाती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत में दलित, पिछड़े और अति-पिछड़ों के बच्चों तक को अपमानित किया जा रहा है।
बीते साढ़े आठ सालों से बीजेपी की सरकार में जातीय अत्याचार, पिछड़ों का शोषण, और दलितों की उपेक्षा नीतिगत रूप से बढ़ी है। स्कूल से लेकर सरकारी दफ्तरों तक, इस जातिवादी सोच को शासन का संरक्षण मिला है।