वाशिंगटन 6 सितम्बर 2025
कैरेबियन समुद्र के आसमान से धरती तक अब बस जंग की धमक ही बाकी है। दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच तनाव युद्धक स्थिति की ओर बढ़ चला है। ट्रंप प्रशासन ने पहली बार खुलकर घोषित कर दिया है कि दक्षिण अमेरिका के ड्रग कार्टेल्स, जिन्हें वेनेज़ुएला की सरकार संरक्षण देती है, अब अमेरिका के लिए सीधे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का मसला है।
ट्रंप की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत ड्रग-सिंदूर में सना वेनेज़ुएला अमेरिका की हिटलिस्ट पर है। सीधा आदेश है—ज़रूरत पड़ी तो अमेरिकी सेना किसी भी हद तक जाने को तैयार है। अब केवल बोल नहीं, कार्रवाई सामने है। प्यूर्टो रिको में तैनात हुए दस एफ-35 स्टील्थ फाइटर अमेरिका की ताक़त का जीता जागता ऐलान हैं। कैरेबियन में 7 युद्धपोत और परमाणु पनडुब्बी, 4,500 से ज़्यादा अमेरिकी मरीन लाखों टन गोला-बारूद के साथ मुस्तैद हैं, हर दिशा में सैन्य अभ्यास और इंटेंसिव ऑपरेशन्स के आदेश दिए जा चुके हैं।
यह पूरा घटनाक्रम केवल प्रतीकात्मक नहीं—सीधा सीधा युद्ध का आमंत्रण है। हाल ही में अमेरिकी बलों ने एक स्पीडबोट पर हमला कर उसमें सवार 11 वेनेज़ुएलाई नागरिकों को मार गिराया, जिन पर ड्रग सिंडिकेट ‘ट्रेन डी अरागुआ’ से जुड़े होने के आरोप हैं। ये घटना हुई अमेरिका वॉरशिप USS जेसन डनहम के आस-पास, जहां अमेरिकी नौसेना की गश्त और ऑपरेशन अपने चरम पर है। जवाबी तौर पर वेनेज़ुएला के एफ-16 जेट्स ने अमेरिकी युद्धपोत के एक दम ऊपर से शक्ति प्रदर्शन करते हुए उड़ान भरी।
मादुरो प्रशासन ने अमेरिका पर ‘बेहद खतरनाक उकसावे’ और ‘सत्ता परिवर्तन की साजिश’ का आरोप लगाया है। मादुरो ने चेतावनी दी—अगर अमेरिकी ताकत ने सीमा पार की तो वेनेजुएला ‘सशस्त्र संघर्ष’ के लिए तैयार है, मादुरो ने यह तक कह डाला कि अमेरिका देश पर हमला करने का बहाना तलाश रहा है और यह प्रत्यक्ष ‘आपराधिक कृत्य’ है। ऐसे में वेनेजुएला ने अपनी फौज को हाई अलर्ट पर कर दिया है और तट के पास ड्रोन, जहाज और युद्धपोत तैनात कर दिए हैं—हर कीमत पर जवाब देने को तैयार.
इस पूरे महाआक्रोश के केंद्र में राष्ट्रपति ट्रंप हैं। वे सिर्फ नेरेटिव खड़ा नहीं कर रहे, सीधी चेतावनी दे रहे हैं—यदि अमेरिकी बलों को कोई खतरा हुआ तो वेनेजुएला उसके गंभीर परिणाम भुगतेगा। ट्रंप का दावा है कि वे ‘रिज़ीम चेंज’ में रूचि नहीं रखते, लेकिन वेनेजुएला के 2024 के चुनाव पर खुलेआम सवाल उठा रहे हैं।
नई जंग की संभावित रूपरेखा तैयार है—एफ-35, युद्धपोत, पनडुब्बी, मरीन—सब कैरेबियन की ओर कूच कर चुके हैं। अमेरिकी कांग्रेस में भी इस मिशन के कानूनी आधार और नतीजों को लेकर बहस होने लगी है, लेकिन ट्रंप और उनके पेंटागन के इरादे साफ़ हैं—अब बस आदेश की देर है, हमला कभी भी शुरू हो सकता है। जानकारी है कि अमेरिका वेनेजुएला-चीन सैन्य समीकरण पर भी नजर बनाए हुए है, क्योंकि वेनेजुएला चीनी J-10C जेट्स की खरीद की ओर बढ़ रहा है—जिससे शक्ति संतुलन और बिगड़ सकता है।