नई दिल्ली 6 सितम्बर 2025
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल की पूर्व वरिष्ठ पदस्थ डॉक्टर और बायोकैमिस्ट्री विभाग की हेड डॉ. मंजू सुब्बरवाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। वे करीब तीन साल तक बिना अनुमति अस्पताल से गैरहाजिरी बनाए वेतन लेती रहीं, जबकि इस दौरान उनका सोशल मीडिया प्रोफाइल कनाडा में फिल्ममेकर के रूप में दिखाया गया था। उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय ने नोटिस जारी कर गैरकानूनी गैरहाजिरी के संबंध में जवाब मांगा है और वेतन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
डॉ. सुब्बरवाल ने कनाडा के टोरंटो फिल्म स्कूल से बैचलर ऑफ क्रिएटिव आर्ट्स की डिग्री हासिल की है और एक प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उनकी बनाई गई तीन फिल्मों में वे लेखक, निर्देशक और निर्माता के रूप में दर्ज हैं। अस्पताल में उनके गैरमौजूदगी के दौरान उनके विभाग के एक अन्य डॉक्टर ने बिना अनुमति विभाग के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिसके चलते सरकार को लगभग 50 लाख रुपये के वित्तीय नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
यह मामला उस समय सामने आया जब दिल्ली के एक अन्य अस्पताल के कर्मचारी ने मई 2025 में शिकायत दर्ज कराई कि डॉ. सुब्बरवाल 2022 से कनाडा में फिल्म निर्माण की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि वे सरकारी अस्पताल में वेतन लेती रहीं। शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू की और पाया कि डॉ. सुब्बरवाल लगभग तीन सालों तक सिर्फ कुछ ही दिन वार्षिक रूप से अस्पताल में दिखीं। बाद में उन्हें विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया गया और वेतन रोक दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में विदेशी रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस से डॉ. सुब्बरवाल के भारत आने-जाने के रिकॉर्ड भी मांगे हैं। यह मामला सरकारी नौकरी में अनियमितताओं और वेतन संबंधी धोखाधड़ी की एक बड़ी जांच का विषय बन गया है।
डॉ. सुब्बरवाल के मामले से सरकारी अस्पतालों में अनुशासनहीनता और निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं इसने स्वास्थ्य विभाग को सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है।
यह पूरे मामले ने स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों के नियंत्रित अनुपस्थिति और दूसरी गतिविधियों के प्रति सख्ती बरतने पर ध्यान केंद्रित कराया है।
यह मामला एक डॉक्टर की दोहरी जिंदगी का पर्दाफाश है — सरकारी वेतन पर दिल्ली अस्पताल से जुड़ी रहना और कनाडा में फिल्म निर्माता के रूप में सक्रिय रहना, जिसके चलते विभागीय और कानूनी जांच जारी है।