नई दिल्ली/बालासोर
16 जुलाई 2025
ओडिशा के बालासोर ज़िले में बीएड द्वितीय वर्ष की एक छात्रा द्वारा आत्मदाह किए जाने और 14 जुलाई को इलाज के दौरान उसकी मौत के बाद प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक आक्रोश तेज़ हो गया है। पीड़िता ने कॉलेज प्रशासन और अपने विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहले ही एक लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कार्रवाई के अभाव में उसने 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद को आग के हवाले कर दिया। अब उसकी मौत के बाद कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने इस दर्दनाक घटना के विरोध में 17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया है। इस बंद को विभिन्न छात्र संगठनों और महिला अधिकार समूहों का भी समर्थन मिल रहा है।
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बालेश्वर एफएम कॉलेज की छात्रा की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि एम्स में इलाज करा रही बालेश्वर एफएम कॉलेज की पीड़िता की मौत की खबर सुनकर दुखी हूँ। ईश्वर उनके परिवार को ऐसे समय का सामना करने के लिए असीम धैर्य प्रदान करें। घटना के विरोध में कांग्रेस ने पूरे राज्य में कैंडल मार्च निकाला और छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसमें वामपंथी दल और एनसीपी भी शामिल रहे।
घटना के राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने मंगलवार को एक चार सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन कर दिया है, जो बालासोर जाकर जांच करेगी। समिति की अध्यक्षता दिल्ली के प्रोफेसर राज कुमार मित्तल को सौंपी गई है, और यह कॉलेज के यौन उत्पीड़न निवारण तंत्र और संस्थागत लापरवाही की गहराई से पड़ताल करेगी।
इस आत्मदाह कांड ने न केवल प्रशासनिक सुस्ती, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की संवेदनहीनता पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देशभर की निगाहें इस जांच और उसके निष्कर्षों पर टिकी हैं, कि क्या यह सिर्फ एक औपचारिक जांच होगी या फिर आरती जैसी बेटियों के लिए एक न्यायपूर्ण व्यवस्था की नींव रखी जाएगी।