रोहतक/चंडीगढ़ 16 अक्टूबर 2025
हरियाणा पुलिस के दो आत्महत्याओं ने राज्य के प्रशासनिक गलियारों को झकझोर कर रख दिया है। रोहतक के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार और ASI संदीप की आत्महत्या के मामलों में कई चौंकाने वाली समानताएं सामने आ रही हैं — दोनों ने अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या की, दोनों के पास एक फाइनल नोट मिला, और सबसे अहम बात — दोनों घटनाओं के कोई चश्मदीद गवाह नहीं हैं।
पहला मामला रोहतक के IPS वाई. पूरन कुमार का है, जिनकी मौत ने पुलिस महकमे में सनसनी फैला दी थी। उनके सरकारी आवास से एक रिवॉल्वर और एक “पर्सनल नोट” बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने निजी तनाव और सिस्टम से निराशा की बात लिखी थी। लगभग इसी तर्ज पर कुछ दिनों बाद ASI संदीप ने भी आत्महत्या कर ली — वही तरीका, वही हालात, और वही सवालों का जाल।
जांच सूत्रों के अनुसार, दोनों मामलों में इस्तेमाल किए गए हथियार सर्विस रिवॉल्वर थे, और दोनों घटनाएं ड्यूटी समय के बाहर हुईं। फोरेंसिक रिपोर्ट में अब तक किसी बाहरी हस्तक्षेप या संघर्ष के संकेत नहीं मिले हैं, जिससे “डिप्रेशन या दबाव” के एंगल की जांच और गहरी हो गई है।
पुलिस विभाग के भीतर यह चर्चा जोरों पर है कि ये दोनों आत्महत्याएं सिस्टम के भीतर मौजूद तनाव, कार्यभार और मानसिक दबाव की खामोश चीख हैं। कई पुलिस कर्मियों का कहना है कि लंबे समय तक बिना छुट्टी के ड्यूटी, लगातार दबाव और व्यक्तिगत समस्याओं को लेकर वरिष्ठों की असंवेदनशीलता, ऐसे मामलों की बड़ी वजह बनती जा रही है।
राज्य सरकार ने इन दोनों घटनाओं की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। गृह विभाग ने दोनों केसों में समान बिंदुओं की पड़ताल करने और यह समझने के निर्देश दिए हैं कि क्या कहीं कोई संस्थागत कमी या कनेक्शन तो नहीं।
दो सुसाइड, एक जैसा तरीका, और अनगिनत सवाल — हरियाणा पुलिस के भीतर इन घटनाओं ने वर्दी के पीछे छिपे दर्द और दबाव की हकीकत को उजागर कर दिया है।