नई दिल्ली 22 सितंबर 2025
दिल्ली दंगों के चर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम कदम उठाते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा है कि आखिर क्यों उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों की बेल याचिकाओं पर अब तक फैसला नहीं लिया गया और ट्रायल में इतनी देरी क्यों हो रही है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे लंबे समय से जेल में हैं जबकि मुकदमे की सुनवाई आगे ही नहीं बढ़ रही। उनका तर्क है कि अब तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए हैं, फिर भी उन्हें बिना वजह जेल में रखा गया है। बचाव पक्ष का यह भी कहना है कि इन नेताओं और छात्रों को उनकी राजनीतिक विचारधारा और विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका की वजह से निशाना बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में विस्तृत जवाब पेश करे। अदालत ने साफ किया कि लंबे समय से बेल पर लटकी फाइलें न्याय प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल खड़ा करती हैं। जजों ने कहा कि “किसी भी आरोपी को बिना ट्रायल के अनिश्चितकाल तक जेल में रखना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।”
इस बीच, विपक्ष ने सरकार और पुलिस पर आरोप लगाया है कि वे राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं और निर्दोष लोगों को जेल में बंद रखकर लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार और दिल्ली पुलिस का दावा है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं और आरोपी संगठित साज़िश का हिस्सा थे। सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर हैं। सवाल यही है कि क्या अदालत उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों को बेल देकर राहत देगी या फिर उनकी रिहाई की लड़ाई और लंबी खिंच जाएगी।