मॉस्को 22 सितंबर 2025
भारत और रूस के बीच रणनीतिक रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई मिलने जा रही है। रूस ने भारत को अपनी सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी की लड़ाकू विमान तकनीक Su-57 (स्टेल्थ फाइटर जेट) बेचने का बड़ा प्रस्ताव दिया है। खास बात यह है कि केवल विमान की सप्लाई ही नहीं, बल्कि भारत में ही इन अत्याधुनिक विमानों का उत्पादन करने की योजना पर भी बात आगे बढ़ाई जा रही है।
यह प्रस्ताव भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ रक्षा नीति के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। यदि समझौता होता है, तो भारत दुनिया के चुनिंदा देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जिनके पास फिफ्थ जनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट्स होंगे। Su-57 विमान अपनी हाइपरसोनिक गति, लंबी दूरी की मिसाइल क्षमता और दुश्मन के रडार से बचने की तकनीक के लिए जाना जाता है।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए संदेश होगा। चीन के पास पहले से ही J-20 स्टेल्थ फाइटर मौजूद है, जबकि पाकिस्तान अपने एयरफोर्स को अपग्रेड करने की कोशिश में है। ऐसे में भारत के पास Su-57 की ताक़त आना, क्षेत्रीय सामरिक संतुलन को भारत के पक्ष में झुका सकता है।
यह सौदा केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि रक्षा औद्योगिक ढांचे में निवेश और तकनीकी हस्तांतरण के लिहाज से भी अहम होगा। अगर भारत में Su-57 का उत्पादन शुरू होता है, तो न सिर्फ भारतीय वायुसेना को फायदा होगा बल्कि यह घरेलू रक्षा उद्योग को भी वैश्विक मंच पर नई पहचान देगा।
हालांकि, सौदे पर अंतिम निर्णय भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय की रणनीतिक समीक्षा पर निर्भर करेगा। अमेरिकी दबाव और मौजूदा जियोपॉलिटिकल हालात इस बातचीत पर असर डाल सकते हैं। लेकिन यह साफ है कि रूस ने भारत के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रखा है जो भारतीय वायुसेना को आने वाले दशकों तक अजेय ताक़त में बदल सकता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत सरकार इस प्रस्ताव को कितनी जल्दी मंजूरी देती है और क्या वाकई ‘हिंदुस्तान में बने Su-57’ आने वाले समय में आकाश में गरजते दिखाई देंगे।