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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: आधार मताधिकार कानून का अभिन्न हिस्सा

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नई दिल्ली 16 सितम्बर 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आधार कार्ड को मताधिकार कानून का अभिन्न हिस्सा मानते हुए कहा है कि इसे किसी भी रूप में कमतर या अवैध नहीं ठहराया जा सकता। यह निर्णय उस समय आया जब कुछ पक्षों ने आधार को मतदाता पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल करने को लेकर आपत्ति जताई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड भारतीय नागरिकों की विशिष्ट पहचान है और इसे संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए लागू किया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि आधार को किसी भी प्रकार से अवैध या असंवैधानिक ठहराना संविधान के उद्देश्यों के खिलाफ होगा।

यह फैसला उस समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण चुनावी प्रक्रियाओं में आधार कार्ड का उपयोग मतदाता पहचान के रूप में बढ़ रहा है। इससे पहले, चुनाव आयोग ने भी आधार को मतदाता पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया था, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। इस निर्णय से आधार कार्ड की वैधता और उपयोगिता को और मजबूती मिलेगी, और यह नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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