रामराज्य या तानाशाही? खुद तो संसद में रो दिए, कुर्सी पर बैठे तो… मौलाना भूल गया था किसका शासन है…
नई दिल्ली 29 सितंबर 2025 एक भी भारतीय मुसलमान — न विद्वान, न आम आदमी — कभी “ग़ज़वा-ए-हिंद” जैसी काल्पनिक बात नहीं करता, फिर भी नेता बेशर्मी से इस झूठे किस्से को हथियार बनाकर पूरी कौम को बदनाम करते हैं। “तुम्हें वैसे ही पीटेंगे जैसे बरेली में पीटा था” — ये किसी अपराधी के नहीं…