मुंबई, 5 अगस्त 2025
भाजपा की केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष के हमले और तीखे हो गए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को अब शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत का खुला समर्थन मिल गया है। संजय राउत ने संसद परिसर में राहुल गांधी की बात को दोहराते हुए कहा कि देश में लगभग 100 लोकसभा सीटों पर गड़बड़ी हुई है और इस पूरे खेल में चुनाव आयोग की सीधी भागीदारी थी। राउत ने कहा, “अगर यह साजिश न होती तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते थे। राहुल गांधी के पास इसके पूरे सबूत मौजूद हैं।”
संजय राउत ने दावा किया कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की ‘वोट चोरी’ हुई है। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां देवेंद्र फडणवीस की सरकार इसी तरीके से सत्ता में आई थी। राउत ने कहा, “हमने महाराष्ट्र में वोट चोरी देखी है। इसमें हमारा अनुभव काफी पुराना है। हमने देखा है कि कैसे सरकारी मशीनरी और राजनीतिक मिलीभगत से जनमत को पलटा गया।” राउत का यह बयान उस समय आया है जब महाराष्ट्र की राजनीति खुद भारी उठा-पटक से गुजर रही है, और विपक्षी दलों के बीच एकजुटता बढ़ती दिखाई दे रही है।
राउत ने हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों का भी उल्लेख किया और आरोप लगाया कि भाजपा वहां भी इसी तरह की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहले ही ऐसे प्रयास हो चुके हैं और अब बिहार को निशाना बनाया जा रहा है। राउत ने कहा कि राहुल गांधी इस लोकतंत्र विरोधी योजना का खुलकर विरोध कर रहे हैं और शिवसेना (यूबीटी) उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने साफ कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है।”
राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए ‘वोट चोरी’ कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस के पास चुनाव आयोग की भूमिका को बेनकाब करने के लिए “परमाणु बम” जैसे सबूत हैं। राहुल गांधी ने कहा, “मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा हूं। मैं यह 100 फीसदी सबूत के साथ कह रहा हूं। जैसे ही हम इसे सार्वजनिक करेंगे, पूरा देश जान जाएगा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चोरी कर रहा है।”
राहुल गांधी के इस बयान और संजय राउत के समर्थन से एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। जहां भाजपा इन आरोपों को निराधार और साजिश बता रही है, वहीं विपक्षी खेमे में नए उत्साह और एकता की लहर दिखाई दे रही है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी वास्तव में अपने आरोपों के समर्थन में ठोस दस्तावेज और प्रमाण सार्वजनिक करती है या नहीं। साथ ही यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि चुनाव आयोग इन गंभीर आरोपों पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देता है।
यदि विपक्ष के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ बन सकता है। इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता, पारदर्शिता और संवैधानिक संस्थाओं की साख पर सवाल खड़े हो सकते हैं। फिलहाल, देश की राजनीति एक नए उबाल पर है, और आने वाले दिन निश्चित ही बेहद निर्णायक और उथल-पुथल भरे साबित हो सकते हैं।