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ओवैसी का केंद्र पर हमला: जब खून और पानी साथ नहीं बह सकते तो पाक से क्रिकेट कैसे?

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ई दिल्ली
29 जुलाई 2025
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई बहस के दौरान पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को शहीदों के अपमान की संज्ञा दी।
उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तान के जहाज हमारे आसमान में नहीं आ सकते, उनकी नावें हमारे जल क्षेत्र में नहीं चल सकतीं और व्यापार पूरी तरह बंद है, तो फिर क्रिकेट कैसे संभव है? जब पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, तब मैदान पर भारत-पाकिस्तान का मैच हमारे जमीर को मंजूर नहीं।”
आतंकियों पर कार्रवाई के बाद क्रिकेट का विरोध
एशिया कप 2025 का शेड्यूल तीन दिन पहले जारी किया गया है, जिसमें 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच ग्रुप स्टेज का मैच निर्धारित है। ओवैसी ने इसे सीधे-सीधे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जोड़ा, जिसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय घोड़ा सवार मारे गए थे। इस हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए।
ओवैसी ने सवाल उठाया, “क्या सरकार में इतना साहस है कि वह उन मृतकों के परिवारों से कहे कि हमने बदला ले लिया, अब आप पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच देखकर खुश हो जाइए?”
मैच देखने से इंकार
ओवैसी ने संसद में स्पष्ट कहा, “मेरा जमीर मुझे इस मैच को देखने की इजाजत नहीं देता। यह शहीदों की शहादत का अपमान है।” उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह संवेदनशीलता के खिलाफ नहीं है कि आतंकवाद के ज़ख्म अभी हरे हों और हम मैदान पर दोस्ती का संदेश दें?
विपक्ष ने सरकार की नीति पर उठाए सवाल
AIMIM नेता के इस बयान से विपक्षी दलों में भी हलचल तेज हो गई है। कई विपक्षी नेताओं ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का पोषक कहा जाता है, तब उसी देश के साथ क्रिकेट खेलना किस नीति का हिस्सा है?
क्या कहते हैं क्रिकेट प्रेमी?
वहीं सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस छिड़ गई है। एक ओर जहां कुछ लोग ओवैसी के बयान को राष्ट्रहित में मानते हैं, वहीं कई का मानना है कि खेल को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर क्या रुख अपनाया जाता है।

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