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मोदी का मिशन 2047: सुरक्षा कवच, GST कट, करोड़ों नौकरियां और डेमोग्राफिक संतुलन का संकल्प

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नई दिल्ली 15 अगस्त 2025

दिल्ली का लाल किला एक बार फिर इतिहास का साक्षी बना, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगे के नीचे अपना 12वाँ स्वतंत्रता दिवस भाषण दिया। चारों ओर तिरंगों की लहर, बच्चों के हाथ में छोटे-छोटे झंडे और राष्ट्रीय गीतों की गूंज माहौल को और भी भावुक बना रही थी। इस अवसर पर मोदी ने न केवल देश की उपलब्धियों का उल्लेख किया बल्कि भविष्य की योजनाओं का विस्तृत खाका भी पेश किया। उन्होंने ‘विकसित भारत 2047’ का सपना साझा किया, जिसमें आत्मनिर्भरता, तकनीकी क्रांति और युवा सशक्तिकरण को केंद्र में रखा गया। भाषण में उन्होंने साफ कहा कि यह समय केवल जश्न मनाने का नहीं, बल्कि आने वाले 22 वर्षों में भारत को विश्व नेतृत्व की ओर ले जाने की तैयारी का है।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा मैं आज देश को एक चिंता, एक चुनौती के संबंध में आगाह करना चाहता हूं। षड्यंत्र के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है, एक नए संकट का बीज बोया जा रहा है। घुसपैठिए मेरे देश के नौजवानों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं, मेरे देश की बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा। ये घुसपैठिए भोले-भाले आदिवासियों को बरगला करके उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, यह देश सहन नहीं करेगा।

 विकसित भारत की नींव — आत्मनिर्भर भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का सपना तभी साकार होगा जब देश पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत का अर्थ केवल घरेलू उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि तकनीक, नवाचार, कौशल और संसाधनों में आत्मविश्वास पैदा करना है। जब हर क्षेत्र में हम अपने बलबूते पर खड़े होंगे, तभी भारत विश्व मंच पर एक सशक्त और सम्मानित राष्ट्र के रूप में उभरेगा।

₹1 लाख करोड़ का ‘PM Viksit Bharat Rozgaar Yojana’ — युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

प्रधानमंत्री ने इस वर्ष सबसे बड़ी घोषणा युवाओं के लिए की — PM Viksit Bharat Rozgaar Yojana, जिसकी लागत ₹1 लाख करोड़ होगी। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए है जो नौकरी बाजार में नए कदम रख रहे हैं। इसका उद्देश्य रोजगार सृजन, कौशल विकास और स्टार्टअप प्रोत्साहन के माध्यम से युवाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। मोदी ने कहा कि यह योजना देश के हर कोने में अवसर पैदा करेगी, चाहे वह महानगर हो या छोटा कस्बा। उदाहरण के तौर पर, ओडिशा के सत्यजीत प्रधान जैसे युवा जिन्होंने सरकारी स्किल ट्रेनिंग के बाद अपनी ड्रोन-आधारित कृषि सेवा कंपनी शुरू की, अब गांव-गांव में किसानों को नई तकनीक से मदद कर रहे हैं। ऐसी योजनाओं से लाखों युवाओं को अपनी प्रतिभा को आर्थिक सफलता में बदलने का मौका मिलेगा।

Mission Sudarshan Chakra — दुश्मन के हर वार को रोकने वाला सुरक्षा कवच

मोदी ने अपने भाषण में देश की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए Mission Sudarshan Chakra की घोषणा की, जिसे 2035 तक विकसित किया जाएगा। यह अत्याधुनिक राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली देश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को हवाई हमलों, मिसाइलों और ड्रोन खतरों से बचाने में सक्षम होगी। इस संदर्भ में उन्होंने मई 2025 की घटना का उल्लेख किया, जब भारतीय वायुसेना के S-400 Sudarshan Chakra सिस्टम ने सीमा पर आए पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को बीच हवा में नष्ट कर दिया था। उस घटना ने साबित कर दिया कि भारत अब केवल रक्षा पर निर्भर नहीं, बल्कि सक्रिय और तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि यह मिशन आने वाले वर्षों में हमारी रक्षा को अभेद्य बना देगा और किसी भी संकट की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा।

स्वदेशी और ‘Vocal for Local’ — स्थानीय से वैश्विक की ओर

प्रधानमंत्री ने एक बार फिर ‘Vocal for Local’ के मंत्र को दोहराया और कहा कि स्वदेशी केवल उत्पाद खरीदने का आग्रह नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की आत्मा है। उन्होंने ऐसे युवाओं की कहानियां भी साझा कीं जिन्होंने इस विचार को वास्तविकता में बदला। जैसे बिस्वात्म नायक, जिन्होंने टियर-2 शहर से Chingari ऐप लॉन्च किया, जो TikTok बैन के बाद 24 घंटे में 2.5 मिलियन डाउनलोड तक पहुंच गया और अब क्रिएटर्स को भारतीय प्लेटफॉर्म पर पहचान और कमाई का अवसर देता है। इसी तरह गर्विता गुल्हाटी ने ‘Why Waste?’ अभियान से 10 मिलियन लोगों को पानी बचाने के लिए प्रेरित किया और 5 लाख रेस्टोरेंट्स के साथ साझेदारी करके लगभग 60 लाख लीटर पानी बचाया। ये उदाहरण बताते हैं कि जब स्थानीय प्रतिभा और नवाचार को मौका मिलता है, तो वह वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल सकती है।

Operation Sindoor — बहादुरी और आत्मनिर्भर रक्षा की मिसाल

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में Operation Sindoor का भी विशेष उल्लेख किया, जो मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चलाया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर दुश्मन की गतिविधियों को पूरी तरह निष्क्रिय किया। इसमें इस्तेमाल हुई तकनीक, जैसे स्वदेशी ड्रोन और AI-आधारित निगरानी प्रणाली, ने साबित किया कि भारत की रक्षा अब आयातित उपकरणों पर निर्भर नहीं है। उन्होंने सैनिकों की वीरता को सलाम करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की रक्षा रणनीति का सबसे जीवंत उदाहरण है।

 भाषाई विविधता भारत की सबसे बड़ी ताकत 

उन्होंने कहा, “We should take pride in all our languages and work together for their growth.” मोदी ने जोर देकर कहा कि देश के हर नागरिक को अपनी मातृभाषा के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं पर भी गर्व करना चाहिए, क्योंकि यही विविधता भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की आधारशिला है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे स्थानीय भाषाओं के संरक्षण और प्रोत्साहन में सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन भाषाओं की विरासत को गर्व के साथ आगे बढ़ा सकें।

सभी तक पहुंच, सबका लाभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सरकार ‘सैचुरेशन अप्रोच’ के जरिए यह सुनिश्चित कर रही है कि हर नागरिक तक योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव पहुंचे। इस रणनीति में लक्ष्य सिर्फ आंकड़े बढ़ाना नहीं, बल्कि 100% पात्र लाभार्थियों तक सीधी पहुंच बनाना है, चाहे वे दूर-दराज के गांवों में हों या शहरों के किनारों पर। इससे सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ी है और ज़रूरतमंद लोगों तक समय पर सहायता पहुंच रही है।

अन्नदाता का सम्मान, सुरक्षा का वचन

प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिलाया कि भारत हमेशा अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि ये न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण जीवन के आधार स्तंभ भी हैं। सरकार उनकी आय बढ़ाने, बाजार तक आसान पहुंच दिलाने और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने के लिए लगातार कदम उठा रही है, ताकि वे बदलते समय में भी मजबूत और आत्मनिर्भर बने रहें।

‘विकसित भारत 2047’ — आने वाले 22 वर्षों का रोडमैप

भाषण के अंत में मोदी ने ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न को विस्तार से बताया। इसमें पांच मुख्य स्तंभ हैं — मजबूत अर्थव्यवस्था, विश्वस्तरीय शिक्षा और कौशल, तकनीकी नेतृत्व, पर्यावरणीय संतुलन और आत्मनिर्भर रक्षा। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक ऐसी महाशक्ति बनाना है जो न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों में भी विश्व का नेतृत्व करे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस लक्ष्य को व्यक्तिगत मिशन बनाएं और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दें।

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