लेह, 27 सितम्बर 2025
लद्दाख की आवाज़ माने जाने वाले प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब वांगचुक अपने समर्थकों के साथ लद्दाख के पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्र को संवैधानिक गारंटी देने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन ने एहतियातन पूरे लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, जिससे आम लोगों और छात्रों को काफी परेशानी हो रही है।
सोनम वांगचुक, जो ग्लोबल वार्मिंग और हिमालयी पारिस्थितिकी पर अपने अनूठे प्रयोगों और अभियानों के लिए जाने जाते हैं, लंबे समय से लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने और क्षेत्र की नाजुक पर्यावरणीय विरासत की रक्षा करने की मांग कर रहे हैं। हिरासत में लिए जाने से पहले उन्होंने मीडिया से कहा था, “हम सिर्फ अपने पहाड़ों, नदियों और आने वाली पीढ़ियों को बचाने की बात कर रहे हैं। अगर यह अपराध है तो मैं इसे बार-बार करूंगा।” यह बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और देशभर में पर्यावरण कार्यकर्ताओं का समर्थन उन्हें मिलने लगा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए सख्ती कर रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इंटरनेट बंद करना लोकतंत्र का गला घोंटना है। लेह की सड़कों पर लोगों ने वांगचुक की रिहाई की मांग करते हुए नारे लगाए और कहा कि लद्दाख के पर्यावरण के लिए आवाज़ उठाने वालों को अपराधी की तरह पेश करना अन्याय है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह कार्रवाई केंद्र और स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। लद्दाख के लोग पहले से ही रोजगार, शिक्षा और जमीन के अधिकार जैसे मुद्दों पर नाराज हैं। अब सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने इस नाराजगी को और भड़का दिया है। सोशल मीडिया पर हैशटैग #StandWithSonamWangchuk ट्रेंड कर रहा है और कई राष्ट्रीय हस्तियों ने उनकी रिहाई की मांग की है।
सोनम वांगचुक के समर्थकों का कहना है कि यह सिर्फ लद्दाख का मुद्दा नहीं बल्कि पूरे देश का है। अगर हिमालयी इलाकों की सुरक्षा नहीं होगी तो पूरा उत्तर भारत पानी और जलवायु संकट का सामना करेगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि वांगचुक को तुरंत रिहा करे और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करे।