इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स ने विश्व शांति के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले तीन महान व्यक्तित्वों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है। इस वर्ष यह सम्मान तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, जैन आचार्य डॉ. लोकेश मुनि और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़जई को दिया जाएगा। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब दुनिया संघर्ष, हिंसा और परमाणु खतरे की आशंकाओं से घिरी हुई है, और इन तीनों विभूतियों की सोच और कार्य शांति की मिसाल बने हुए हैं। यह पुरस्कार आज लंदन के हाइड पार्क स्थित स्पीकर्स कॉर्नर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण एवं शांतिपूर्ण विश्व मार्च से एक दिन पहले दिया जाएगा। मार्च के दौरान नागासाकी पर हुए परमाणु हमले की 80वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी, जिससे शांति और सहिष्णुता का संदेश पूरी दुनिया तक जाएगा
दलाई लामा को यह सम्मान उनके जीवनभर अहिंसा, करुणा और वैश्विक सद्भाव के प्रति समर्पण के लिए दिया जा रहा है। वे दशकों से शांति की शिक्षा देते आ रहे हैं और मानते हैं कि शांति हर व्यक्ति के हृदय से शुरू होती है। वहीं, आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को उनके अंतरधार्मिक संवाद और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में किए गए काम के लिए सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने विश्व स्तर पर नैतिक नेतृत्व और मानवीय मूल्यों का प्रचार किया है। तीसरी प्रमुख हस्ती मलाला यूसुफ़जई हैं, जिन्हें शिक्षा के अधिकार, महिला सशक्तिकरण और कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सम्मानित किया जाएगा। मलाला की बहादुरी ने पूरी दुनिया के युवाओं को प्रेरित किया
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी. अग्रवाल ने कहा कि जब विश्व में विभाजन और हिंसा बढ़ रही है, तब इन तीनों को सम्मानित करना एक सकारात्मक संदेश है। उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार अहिंसा, न्याय और मानव गरिमा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह समारोह हाइड पार्क में आयोजित सार्वजनिक सभा के दौरान होगा, जिसमें हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु हमलों के शहीदों को याद करते हुए एक मिनट का मौन रखा जाएगा। यह कार्यक्रम वैश्विक शांति और एकता के लिए एक प्रेरणा स्रोत साबित होगा, जो मानवता के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम होगा