राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में लाखों करोड़ रुपये के बेलगाम भ्रष्टाचार ने शासन-प्रशासन की साख को चूर-चूर कर दिया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में हालात इतने बदतर हैं कि चंद दिनों पहले बनी सड़कें धंस जाती हैं, नवनिर्मित पुल और पुलिया भरभराकर गिर जाते हैं, बांध टूट जाते हैं और नवनिर्मित भवन ध्वस्त हो जाते हैं — लेकिन सुशासन की दुहाई देने वाली सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
तेजस्वी का तीखा बयान:
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सब ‘सुशासन’ नहीं, ‘भ्रष्टाचार शासन’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह अचेत और अस्वस्थ हैं, और अब कुछ “गिने-चुने अधिकारी और नेता” ने उन्हें कब्जे में लेकर दिनदहाड़े नंगी लूट मचा रखी है। तेजस्वी ने दावा किया कि राज्य के हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है, और विकास योजनाएं ठेकेदार-मंत्री गठजोड़ की जेब में समा रही हैं।
जनता के युद्ध का ऐलान:
राजद नेता ने कहा, “अब जनता चुप नहीं बैठेगी। इस बेलगाम भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता स्वयं युद्ध छेड़ेगी।”
उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस लड़ाई में आगे आएं और उन ताकतों को सबक सिखाएं जिन्होंने बिहार को लूट का अड्डा बना दिया है।
राजनीतिक सियासत गरमाई:
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे जनता की आवाज बताया है, जबकि सत्ताधारी दलों ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा है कि तेजस्वी जनता को गुमराह कर रहे हैं। लेकिन सड़कों, पुलों और भवनों के गिरने की घटनाओं ने राज्य की विकास योजनाओं पर एक बार फिर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड:
तेजस्वी के इस बयान के बाद #Corruption और #Bihar सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे हैं। कई यूज़र्स ने लिखा कि यह “सिस्टम की असलियत” है, जबकि कुछ ने कहा कि तेजस्वी को सत्ता में रहते हुए भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए थे।