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ट्रंप की गाज़ा शांति योजना पर नई हलचल — हमास इज़राइल से अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए पहुँचा काहिरा

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काहिरा, 6 अक्टूबर 2025

 पश्चिम एशिया में शांति की उम्मीदों के बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। फ़िलिस्तीनी संगठन हमास अब इज़राइल के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए काहिरा पहुँचा है। यह बातचीत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा शांति योजना के ढांचे पर आधारित बताई जा रही है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वार्ता में मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।

मिस्र बना मध्यस्थ, कूटनीति में हलचल

मिस्र की राजधानी काहिरा में कई देशों के प्रतिनिधि और सुरक्षा अधिकारी मौजूद हैं, जो गाज़ा में जारी संघर्ष विराम और पुनर्निर्माण को लेकर संभावित समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब गाज़ा पट्टी में मानवीय संकट चरम पर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्थायी युद्धविराम और मानवीय राहत की अपील कर रहा है।

हमास का रुख नरम, पर शर्तों के साथ

हमास के राजनीतिक ब्यूरो के एक वरिष्ठ सदस्य ने बीबीसी को बताया कि संगठन वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी शांति योजना को तभी स्वीकार करेगा जब उसमें फ़िलिस्तीन के अधिकारों की गारंटी दी जाए। सूत्रों के अनुसार, हमास की प्रमुख मांगों में गाज़ा की नाकाबंदी हटाना, कैदियों की रिहाई, और इज़राइली हमलों की स्थायी रोक शामिल है।

इज़राइल ने दिखाई सावधानी

इज़राइल की ओर से आधिकारिक प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन मिस्र और अमेरिकी प्रतिनिधियों के माध्यम से संदेशों का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इज़राइल ने कहा है कि वह किसी भी समझौते से पहले “हमास की सैन्य क्षमता को समाप्त करने” पर अड़ा हुआ है।

ट्रंप की शांति योजना फिर केंद्र में

ट्रंप की विवादित “डील ऑफ द सेंचुरी” योजना, जिसे उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रस्तुत किया था, अब फिर से चर्चा में है। उस योजना में गाज़ा और वेस्ट बैंक के लिए आर्थिक सहायता, बुनियादी ढांचे का विकास और सुरक्षा समझौते का प्रस्ताव था। हालांकि, उस वक्त फ़िलिस्तीनी नेतृत्व ने इसे “एकतरफा और इज़राइल समर्थक योजना” कहकर ठुकरा दिया था।

उम्मीदों और शंकाओं के बीच बातचीत

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह वार्ता मध्य पूर्व में नई शुरुआत का संकेत भी हो सकती है और एक और असफल प्रयास भी। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या हमास और इज़राइल के बीच यह अप्रत्यक्ष संवाद गाज़ा में स्थायी शांति की राह खोल पाएगा या नहीं। काहिरा की इस बातचीत ने गाज़ा की धरती पर खून और धुएं के बीच उम्मीद की एक हल्की किरण जरूर जगा दी है।

 

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