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हज 2026 से बदलेगा मक्का-मदीना का ठहराव सिस्टम: सऊदी अरब ने शुरू किया ‘सीज़नल लाइसेंसिंग’ मॉडल

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रियाद 4 अक्टूबर 2025

सऊदी अरब ने हज 2026 से तीर्थयात्रियों (हाजियों) के लिए आवास व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार की घोषणा की है। देश के हज और उमरा मंत्रालय ने अब “सीज़नल लाइसेंसिंग सिस्टम” लागू करने का फैसला किया है, जिसके तहत मक्का और मदीना में हज यात्रियों को ठहराने वाले सभी भवनों, होटलों और रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स को नए लाइसेंसिंग नियमों के तहत प्रमाणित करना होगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य हज सीज़न के दौरान आवास सुविधाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है — ताकि हर तीर्थयात्री को उचित दरों पर सुरक्षित और आरामदायक ठहरने की सुविधा मिल सके।

हज मंत्रालय ने कहा कि यह नया सिस्टम 2026 हज सीज़न से अनिवार्य रूप से लागू होगा। जो होटल या मकान मालिक केवल हज अवधि के दौरान अपनी संपत्ति किराए पर देना चाहते हैं, उन्हें अब “सीज़नल लाइसेंस” लेना होगा। यह लाइसेंस एक निश्चित अवधि के लिए दिया जाएगा और इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भवन की संरचना, सुरक्षा मानक, स्वच्छता और सेवा गुणवत्ता तय दिशा-निर्देशों के अनुसार हों। मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम “अल्लाह के मेहमानों की सुविधा और सुरक्षा” के लिए उठाया गया है, ताकि कोई भी अवैध या असुरक्षित आवास हज यात्रियों के लिए उपलब्ध न कराया जा सके।

सऊदी सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में हज और उमरा सीज़न में आवास संबंधी अव्यवस्था, ठगी और ओवरचार्जिंग के कई मामले सामने आए थे। कई बार यात्रियों को बुकिंग कैंसल, अधिक भीड़, और खराब सुविधाओं की शिकायतें करनी पड़ीं। अब इस नई प्रणाली के तहत हर आवास प्रदाता को केंद्रिय डेटाबेस में पंजीकृत होना होगा, और मंत्रालय के निरीक्षकों द्वारा नियमित ऑडिट और जांच की जाएगी। यदि कोई अनधिकृत संपत्ति यात्रियों को ठहराती पाई गई, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह सुधार सऊदी अरब के उस व्यापक “Vision 2030” कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत देश अपने धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना चाहता है। सरकार का लक्ष्य है कि हर वर्ष आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों को स्मार्ट सर्विसेज़, डिजिटल बुकिंग और पारदर्शी रेट सिस्टम के ज़रिए बेहतर अनुभव मिले। हज मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सभी नई बुकिंग और रेजिडेंशियल सर्विसेज़ अब इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से होंगी, जिससे धोखाधड़ी और दलाली खत्म होगी।

विदेशी हज मिशनों और निजी टूर एजेंसियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से आने वाले यात्रियों को इस प्रणाली से पहले से तय और प्रमाणित आवास का भरोसा मिलेगा। भारतीय हज समिति के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम लंबे समय से जरूरी था क्योंकि कई भारतीय हाजियों को “कथित हज एजेंटों” द्वारा ठगा जा चुका है, जो नकली बुकिंग्स और खराब सुविधाएं देकर पैसे वसूलते थे। अब सीज़नल लाइसेंसिंग सिस्टम से ऐसी घटनाओं पर रोक लगने की उम्मीद है।

मक्का और मदीना में अब केवल अधिकृत आवास प्रदाताओं को ही तीर्थयात्रियों की बुकिंग स्वीकार करने की अनुमति होगी। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि हर लाइसेंसधारी संपत्ति पर QR कोड आधारित पहचान प्रणाली होगी, जिससे यात्री मोबाइल स्कैन के जरिए सत्यापन कर सकेंगे कि वे अधिकृत स्थान पर ठहरे हैं या नहीं। यह डिजिटल व्यवस्था न केवल यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाएगी बल्कि अधिकारियों के लिए निगरानी और प्रबंधन को भी आसान बनाएगी।

हज 2026 के लिए सऊदी अरब का यह निर्णय एक क्रांतिकारी सुधार माना जा रहा है। यह न केवल धार्मिक पर्यटन की पारदर्शिता को बढ़ाएगा बल्कि विश्वभर के मुस्लिम तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और तकनीकी रूप से उन्नत हज अनुभव सुनिश्चित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से सऊदी अरब अपनी धार्मिक प्रशासन प्रणाली को आधुनिक युग के अनुरूप ढालने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा चुका है।

 

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