नई दिल्ली, 27 सितम्बर 2025। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की विदेश नीति पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “नरेंद्र सरेंडर” अब ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात का फैसला भी अमेरिका से मंजूरी लेकर कर रहे हैं। पवन खेड़ा ने कहा कि यह भारत की आर्थिक और राजनीतिक संप्रभुता पर सीधा हमला है और देश की विदेश नीति को पूरी तरह कमजोर कर चुका है।
पवन खेड़ा ने पत्रकारों से कहा, “आप क्रोनोलॉजी समझिए — पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हुआ और मोदी सरकार ने इसे मई 2025 से अब तक 45 बार अपनी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया। लेकिन नतीजा क्या निकला? अचानक ऑपरेशन सिंदूर का अंत कर दिया गया और मोदी सरकार को उम्मीद थी कि इससे व्यापार में फायदा होगा। इसके उलट अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया।”
खेड़ा ने आरोप लगाया कि इसके बाद भारत को रूस से कच्चा तेल आयात घटाने के लिए अमेरिकी दबाव का सामना करना पड़ा और 50% पेनल्टी तक चुकानी पड़ी। “और जब लगा कि मोदी सरकार इससे नीचे नहीं गिरेगी, तब एक और अपमानजनक घटना सामने आई — अब भारत अपनी ऊर्जा नीति के फैसले भी वाशिंगटन से हरी झंडी लेकर कर रहा है। सवाल यह है कि इस देश को चला कौन रहा है? नरेंद्र मोदी या डोनाल्ड ट्रंप?”
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने भारत की विदेश नीति को पूरी तरह झुका दिया है और देश की रणनीतिक स्वतंत्रता दांव पर लगा दी है। पवन खेड़ा ने कहा, “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, और यह शर्मनाक है कि हमारे प्रधानमंत्री तेल आयात जैसे फैसले भी किसी दूसरे देश की मंजूरी लेकर कर रहे हैं।”
विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस की आक्रामक रणनीति का हिस्सा है, जो आगामी चुनावों से पहले केंद्र सरकार को विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर घेरने का काम करेगा। विपक्ष अब यह नैरेटिव बना रहा है कि मोदी सरकार वैश्विक ताकतों के दबाव में भारत की नीति चला रही है, और यह देश की स्वायत्तता के खिलाफ है।