आयकर विभाग ने पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को एक “शोध संघ” के रूप में मान्यता प्रदान करते हुए उसे पाँच साल के लिए कर छूट दी है। इस निर्णय के बाद ट्रस्ट को अपने अनुसंधान और सामाजिक कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सहूलियत मिलेगी। कर छूट का लाभ वैज्ञानिक शोध और नवाचार से जुड़े कार्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया गया है।
इसी बीच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (IIT-D) को वस्तु एवं सेवा कर (GST) खुफिया महानिदेशालय (DGGI) से एक कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी हुआ है। इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि संस्थान ने 2017 से 2022 के बीच प्राप्त शोध निधि पर वस्तु एवं सेवा कर का भुगतान नहीं किया। विभाग ने IIT-दिल्ली से लगभग ₹120 करोड़ GST, साथ ही ब्याज और जुर्माना चुकाने की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, मामला अब कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया में है। जहां एक ओर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख तकनीकी संस्थान को बड़े वित्तीय विवाद का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा उच्च शिक्षा संस्थानों और उनके वित्तीय ढांचे पर व्यापक बहस को जन्म दे सकता है।