लंदन 29 सितंबर 2025
लंदन से आई इस सनसनीखेज़ खबर ने पूरी दुनिया के मीडिया जगत को हिला दिया है। एक BBC रिपोर्टर को अज्ञात अपराधियों ने संपर्क कर ऐसा ऑफर दिया कि उसने पत्रकारिता की दुनिया में नई बहस छेड़ दी। अपराधियों ने कहा — “You’ll never need to work again” — यानी उन्हें इतनी बड़ी रकम दी जाएगी कि आगे जीवनभर काम करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रस्ताव साधारण रिश्वत नहीं बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा लगता है। इस तरह की पेशकश केवल रिपोर्टर को प्रभावित करने के लिए नहीं बल्कि मीडिया की साख और स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अपराधियों ने रिपोर्टर से कहा कि वे BBC के सिस्टम तक हैकिंग के जरिए पहुंच बनाना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने मोटी रकम ऑफर की। यह न केवल पत्रकारिता के मूल्यों पर हमला है बल्कि साइबर सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। एक तरफ पत्रकारों पर झूठी खबरें फैलाने का दबाव बनाया जाता है और दूसरी तरफ अब उन्हें अपराधियों के हाथों में खेलने के लिए लालच दिया जा रहा है। अगर कोई पत्रकार इस तरह के प्रलोभन में आ जाए, तो इसके नतीजे मीडिया की विश्वसनीयता और लोकतंत्र की बुनियाद को हिला सकते हैं।
यह घटना मीडिया कर्मियों के सामने मौजूद खतरों को उजागर करती है। पत्रकार पहले ही शारीरिक हमलों, ट्रोलिंग, धमकियों और कानूनी मुकदमों का सामना कर रहे हैं। अब जब ऐसे हैकर-गिरोह सीधे पत्रकारों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें करोड़ों की रिश्वत का लालच दे रहे हैं, तो सवाल उठता है कि क्या दुनिया भर में पत्रकारों के पास उन्हें बचाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है। BBC जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था के पत्रकार के साथ ऐसा होना इस बात का संकेत है कि साइबर अपराधी अब मीडिया को भी निशाना बनाने में हिचक नहीं रहे।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का प्रस्ताव रिश्वतखोरी और ब्लैकमेलिंग के दायरे में आता है और अगर रिपोर्टर इसकी सूचना अधिकारियों को देता है तो दोषियों पर सख्त साइबर अपराध के तहत कार्रवाई हो सकती है। वहीं मीडिया विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक पत्रकार पर हमला नहीं बल्कि पूरी पत्रकारिता पर हमला है। अगर अपराधी मीडिया को नियंत्रित करने में सफल हो जाते हैं तो इसका असर जनमत और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर भी पड़ेगा।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या आने वाले समय में पत्रकारिता स्वतंत्र रह पाएगी या यह अपराधियों, कॉरपोरेट और सत्ता के दबाव में बंधक बन जाएगी। BBC का रिपोर्टर इस ऑफर को ठुकरा कर न सिर्फ अपने पेशे के प्रति निष्ठा दिखा रहा है बल्कि दुनिया के पत्रकारों के लिए यह संदेश दे रहा है कि सच्चाई बिकाऊ नहीं है। हालांकि यह सवाल अभी भी बाकी है कि ऐसे अपराधी कब तक पत्रकारों तक पहुंच पाते रहेंगे और क्या वैश्विक स्तर पर मीडिया हाउस इस खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।