नई दिल्ली, 19 सितम्बर 2025
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि गाज़ा सिटी और गाज़ा पट्टी के अस्पताल ऐसे तंगी और दबाव की स्थिति में हैं कि “टूटने की कगार” पर पहुँच गए हैं। इस्राएली सेना ने गाज़ा सिटी में अपना ग्राउंड आक्रमण तेज कर दिया है, और इस हमले के कारण नागरिकों में विस्थापन की नई लहर उभर रही है – अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि संसाधन और ऑपरेशन सीमित हो चले हैं।
आक्रमण की स्थिति और मानवीय संकट
इस्राएली टैंक्स और वॉरप्लेन गाज़ा सिटी के विभिन्न इलाकों पर बमबारी कर रहे हैं। नागरिक, विशेषकर घायल और विकलांग, सुरक्षित जगहों तक पहुँचने में असमर्थ हैं।
कम्युनिकेशन चैनल — इंटरनेट और फोन लाइनें — कई इलाकों में बंद हो गई हैं, जिससे हमले की भयावहता और भरोसेमंदी का स्तर बढ़ गया है।
गाज़ा सिटी के कुछ अस्पताल (विशेष रूप से al-Shifa और al-Ahli) अब भी आंशिक रूप से कार्यरत हैं, लेकिन उनके पास न तो पर्याप्त बिस्तर हैं, न ही आवश्यक दवाओं-साधनों की आपूर्ति।
अस्पतालों पर दबाव: संसाधन, कर्मचारी और जीवन रक्षा
WHO प्रमुख तेड़्रॉस अदहनॉम घेब्रेयसुस ने कहा कि ये हमले “मानव गरिमा के लिए अनुकूल सतहों” में लोगों को सीमित और असुरक्षित क्षेत्र में धकेल रहे हैं, जहां जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ भी मुश्किल से पूरी हो पा रही हैं।
अस्पतालों में सामग्री की कमी है — दवाइयाँ, जरूरी उपकरण, आपातकालीन उपकरण, और ईंधन की भारी कमी की सूचना है।
घायल लोगों की संख्या बिस्तरों की संख्या से ज्यादा है; कर्मचारी थका चुके हैं, और काम करने की स्थिति “आश्रित” या “शेष बची व्यवस्था” पर टिकी हुई है।
विस्थापन और मानवीय कारक
इस्राएली युद्ध अभियानों के बढ़ने से हजारों परिवारों को उत्तर से दक्षिण की ओर पलायन करना पड़ रहा है। कई लोग पैदल ही चल रहे हैं, जरूरी चीज़ें साथ लेकर।
दक्षिणी गाज़ा में “अल-मवासी” नामक ह्यूमनिटेरियन ज़ोन है जहाँ लोगों को जाने का दबाव है, लेकिन वहाँ की स्थिति भी बेहतर नहींमानी जा रही है — स्वच्छता, पानी, स्वास्थ्य सेवाएँ सब कमज़ोर हैं।
विस्थापन-शरणार्थियों का जीवन दूभर हो गया है; कचरा, गंदगी, सीवेज, संक्रामक बीमारियाँ जैसे खतरे बढ़ गये हैं। बच्चों में रोग बढ़े हैं क्योंकि दवाइयाँ नहीं मिल रहीं और डॉक्टर कम हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की चुनौती
WHO ने तत्काल एक मानवाधिकार एवं चिकित्सकीय हस्तक्षेप की पुकार लगाई है, और हमला बंद करने तथा अस्पतालों को सुरक्षित करने की ज़रूरत पर जोर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ऑफ़ कोऑर्डिनेशन ऑफ़ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स ने स्थिति को “बिल्कुल तबाही” की तरह बताया है।
आलोचक कह रहे हैं कि यदि ये हमले ऐसे ही जारी रहे तो स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा – लाखों लोगों पर असर होगा। तत्काल सहायता पहुँचाने, सुरक्षित गलियारों का अहितर सुनिश्चित करने और संघर्षविराम पर दबाव बढ़ने की आवश्यकता है।
गाज़ा शहर पर इस्राएली हमले ने अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं को एक ऐसी स्थिति में पहुँचा दिया है जहाँ बचाव कार्य सीमित हो गए हैं। घायल, बुजुर्ग, बच्चे और विकलांग सबसे अधिक प्रभावित हैं। यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संघर्ष पक्ष समय रहते कोई ठोस उपाय न करें, तो मानवीय त्रासदी और बड़े पैमाने पर जीवन-हानि की आशंका बढ़ जाएगी।