नई दिल्ली, 1 नवंबर 2025
भारतीय मूल के व्यवसायी ब्रह्म भट्ट इन दिनों अमेरिका में सुर्खियों में हैं, लेकिन वजह गर्व की नहीं बल्कि एक बड़े वित्तीय घोटाले की है। अमेरिकी जांच एजेंसियों ने उन पर 4000 करोड़ रुपये (लगभग 500 मिलियन डॉलर) से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया है। यह घोटाला अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े निवेश धोखाधड़ी मामलों में से एक बताया जा रहा है, जिसमें हजारों निवेशकों को फर्जी वादों के जरिए ठगा गया। एफबीआई ने ब्रह्म भट्ट के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, और माना जा रहा है कि वे फिलहाल अमेरिका से फरार हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, ब्रह्म भट्ट ने एक निवेश कंपनी के जरिये अमेरिकी और भारतीय समुदायों के लोगों से करोड़ों डॉलर जुटाए। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा “सुरक्षित और उच्च रिटर्न वाले प्रोजेक्ट्स” में लगाया जा रहा है। लेकिन जांच में पाया गया कि निवेशकों के पैसे को निजी संपत्तियां खरीदने, लग्जरी कारों और आलीशान जीवनशैली पर खर्च किया गया। ब्रह्म भट्ट ने कई फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से धन का जाल बिछाया, ताकि असली लेनदेन छिपाया जा सके।
एफबीआई की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि ब्रह्म भट्ट ने एक “पोंजी स्कीम” (Ponzi Scheme) की तरह काम किया — यानी पहले निवेशकों के पैसे से बाद के निवेशकों को रिटर्न दिया जाता रहा, ताकि विश्वास बना रहे और लोग और पैसा लगाते रहें। लेकिन जब यह चेन टूटी और नकदी खत्म हुई, तो असली घोटाले का पर्दाफाश हुआ। एजेंसियों का कहना है कि ब्रह्म भट्ट ने टेक्सास, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा में फैले निवेशकों को झांसा दिया था।
मामले में कई पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने अपनी जीवनभर की कमाई, रिटायरमेंट फंड और घर तक गिरवी रखकर इस कंपनी में निवेश किया था। एक निवेशक ने कहा — “हमें बताया गया था कि यह एक वैध रियल एस्टेट और टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट कंपनी है, लेकिन यह सब झूठ निकला।” कुछ पीड़ितों ने ब्रह्म भट्ट पर भारतीय समुदाय के विश्वास का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया है।
अमेरिकी अदालत ने ब्रह्म भट्ट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है और इंटरपोल के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी लोकेशन ट्रैक की जा रही है। भारत में भी ईडी और सीबीआई इस मामले की निगरानी कर रही हैं, क्योंकि कई लेनदेन भारतीय बैंकों से जुड़े होने की आशंका है। सूत्रों के अनुसार, एफबीआई ने भारतीय एजेंसियों से सहयोग मांगा है ताकि उनके संभावित ठिकानों का पता लगाया जा सके।
ब्रह्म भट्ट का जन्म गुजरात के एक कारोबारी परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई भारत में करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने खुद को “सेल्फ-मेड उद्यमी” और “इन्वेस्टमेंट गुरु” के रूप में पेश किया। सोशल मीडिया पर वे प्रेरक भाषणों और व्यापारिक सफलता के दावों के लिए जाने जाते थे। लेकिन अब वही छवि उनके लिए परेशानी का सबब बन गई है।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह मामला “बर्नी मेडॉफ” के बाद अमेरिका की सबसे बड़ी धोखाधड़ी स्कीमों में गिना जा रहा है। अगर ब्रह्म भट्ट दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 25 साल से अधिक की जेल हो सकती है। फिलहाल एफबीआई ने लोगों से अपील की है कि जो भी उनके खिलाफ सबूत या जानकारी रखते हैं, वे तुरंत जांच एजेंसी से संपर्क करें।
ब्रह्म भट्ट का यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आधुनिक डिजिटल युग में ‘विश्वास’ किस तरह ठगी का सबसे बड़ा औजार बन चुका है। जब एक शख्स सोशल मीडिया और प्रचार के दम पर करोड़ों की ठगी कर सकता है, तब निवेशकों को सतर्क रहना और भी जरूरी हो जाता है।




