नई दिल्ली 19 सितंबर 2025
हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश और सरकार का यू-टर्न
हरियाणा से जुड़ा मामला जब कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट लेकर गई तो अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि CCTV फुटेज मुहैया कराया जाए। अदालत का यह निर्देश न्याय और पारदर्शिता की दिशा में बेहद अहम माना गया। लेकिन हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार ने आदेश मानने के बजाय नियम ही बदल दिया, ताकि फुटेज देने की बाध्यता ही खत्म हो जाए। दूसरी, अहम बात है कि कांग्रेस कोर्ट में जाएगी, तो मामला ‘सब-जुडिस’ बोलकर आगे की पोल खोलने से रोक देंगे। कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी दोतरफ़ा तरीक़े से घटियापन तो उतर जाएगी।
कांग्रेस का सवाल: फिर क्यों कहती है सरकार “जाओ कोर्ट”?
कांग्रेस नेताओं ने तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष बार-बार विपक्ष को कहता है कि “कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाइए”। लेकिन असलियत यह है कि जब अदालत विपक्ष के पक्ष में आदेश देती है, तो केंद्र सरकार खुद ही कानून बदलकर अदालत की अवमानना कर देती है। ऐसे में न्यायपालिका का सम्मान कहां बचता है?
न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल
यह घटना केवल हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने पर सवाल उठाती है। अगर अदालत के आदेश के बाद भी सरकार अपने मनमाफ़िक नियम बदल सकती है, तो फिर नागरिक किस भरोसे से अदालत जाएं? यह सीधे-सीधे न्यायिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश है।
विपक्ष का आरोप: लोकतंत्र पर चोट
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार और भाजपा विपक्ष को अदालत जाने की सलाह देकर जनता के सामने खुद को ‘पारदर्शी’ दिखाती है, लेकिन जब हक़ीक़त सामने आती है, तो आदेशों को बदलने के हथकंडे अपनाए जाते हैं। विपक्ष का कहना है कि यह लोकतंत्र की आत्मा पर सीधी चोट है और जनता को सच्चाई समझनी होगी।