वॉशिंगटन | 7 अगस्त 2025
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक सनसनीखेज बयान देते हुए कहा है कि उनका देश गाज़ा पट्टी के पूरे क्षेत्र पर सैन्य नियंत्रण स्थापित करने का इरादा रखता है। Fox News को दिए एक विशेष साक्षात्कार में नेतन्याहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम चाहते हैं कि गाज़ा पर हमारा पूरा नियंत्रण हो। हम इसे अपने पास नहीं रखना चाहते, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे नियंत्रित करना आवश्यक है।”
नेतन्याहू के इस बयान ने न केवल पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई कूटनीतिक हलचलें पैदा कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इज़रायल गाज़ा पट्टी के 26 मील लंबे पूरे क्षेत्र पर अस्थायी रूप से नियंत्रण करेगा, और फिर उसे ऐसे “अरब बलों” के हवाले करेगा, जो इसे “उचित ढंग से संचालित” कर सकें। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये अरब बल कौन होंगे और क्या इस योजना को फिलिस्तीनी प्रशासन की मंज़ूरी मिली है या नहीं।
“हम शासक नहीं बनना चाहते, लेकिन सुरक्षा ज़रूरी है”
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इज़रायल का उद्देश्य गाज़ा में स्थायी उपस्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, “हम वहाँ सरकार नहीं बनाना चाहते, लेकिन हम ऐसा सुरक्षा घेरे के तहत करना चाहते हैं। हम वहां रहना नहीं चाहते, लेकिन हम यह भी नहीं चाहेंगे कि आतंकवाद को फिर से पनपने का अवसर मिले।”
गौरतलब है कि 2023 के बाद से गाज़ा में हमास और अन्य कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियों के चलते इज़रायल ने कई बार सीमित सैन्य कार्रवाई की है, लेकिन पूरे गाज़ा पर नियंत्रण का यह पहला सीधा सार्वजनिक संकेत है।
मानवीय संकट के बीच बढ़ती सैन्य सक्रियता
नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब गाज़ा पट्टी में भीषण मानवीय संकट जारी है। 7 अगस्त को जॉर्डन वायुसेना के C-130 विमान से फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता की एक बड़ी खेप समुद्री तट पर गिराई गई। पूरे गाज़ा क्षेत्र में हजारों लोग तंबुओं में रह रहे हैं, स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं और भोजन व पानी की भारी किल्लत है।
वहीं, फिलिस्तीनी प्रशासन और हमास के नेताओं ने नेतन्याहू के बयान को “आक्रामक और उपनिवेशवादी मानसिकता” करार दिया है। हमास प्रवक्ता ने कहा कि “इज़रायल किसी भी कीमत पर गाज़ा पर कब्जा नहीं कर सकता। यह एक युद्ध की घोषणा के समान है।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अरब लीग समेत कई वैश्विक संगठनों ने इज़रायल से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि गाज़ा की स्थिति बेहद संवेदनशील है और किसी भी प्रकार का एकतरफा सैन्य नियंत्रण वहां के हालात को और बिगाड़ सकता है।
अमेरिकी प्रशासन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश विभाग के सूत्रों ने The Hindu को बताया कि वाशिंगटन “स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है।”
क्या गाज़ा पर पूर्ण नियंत्रण इज़रायल का अंतिम लक्ष्य है?
नेतन्याहू के बयान से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि गाज़ा पर सीमित सैन्य कार्रवाई के बजाय अब इज़रायल की नीति पूर्ण नियंत्रण और पुनर्गठन की ओर बढ़ रही है। यह रणनीति इज़रायल के लंबे समय से चले आ रहे सुरक्षा चिंताओं के दृष्टिकोण से तो उपयुक्त लग सकती है, लेकिन इससे फिलिस्तीनी राज्य की संप्रभुता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इज़रायल वाकई गाज़ा को नियंत्रण में लेकर किसी तीसरे पक्ष को वहां शासन सौंपने की योजना बना रहा है, तो यह एक नया भू-राजनीतिक समीकरण गढ़ेगा — जो पूरे मध्य-पूर्व की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।