हैदराबाद 19 अक्टूबर 2025
तेलंगाना सरकार अब उन सरकारी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है जो अपने मां-बाप की देखभाल नहीं करते या उनके साथ गलत बर्ताव करते हैं। राज्य सरकार ऐसे कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का कानून लाने पर विचार कर रही है।
सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर बड़ा कदम:
इस प्रस्तावित कानून का मकसद बुजुर्ग माता-पिता के सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। तेलंगाना सरकार का मानना है कि परिवारिक जिम्मेदारी निभाना सिर्फ नैतिक नहीं बल्कि सामाजिक कर्तव्य भी है, और जो लोग इस कर्तव्य से मुंह मोड़ते हैं, उन्हें आर्थिक दंड भुगतना होगा।
कानून का प्रस्ताव:
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग ने सुझाव दिया है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ उसके माता-पिता द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो जांच के बाद सरकार उस कर्मचारी के वेतन से एक तय हिस्सा काटकर सीधे माता-पिता के खाते में जमा कर सकती है।
प्रेरणा केंद्र:
यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। कई वरिष्ठ नागरिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह भारतीय पारिवारिक मूल्यों को पुनर्जीवित करेगा।
राज्य सरकार का रुख:
तेलंगाना सरकार के अधिकारियों ने बताया कि यह नीति अभी विचाराधीन चरण में है, लेकिन मुख्यमंत्री के स्तर पर इसे जल्द ही कैबिनेट बैठक में लाया जा सकता है।
जनभावना:
लोगों का कहना है कि यह फैसला “वेतन कटौती नहीं, बल्कि संस्कारों की पुनर्स्थापना” है। अगर यह कानून लागू होता है, तो यह देश में पहला ऐसा राज्य कानून होगा जो माता-पिता की उपेक्षा को सरकारी सेवा आचरण का उल्लंघन मानेगा।
तेलंगाना सरकार का यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक सुधार है, बल्कि यह नैतिक चेतना और पारिवारिक जिम्मेदारी की पुनःस्थापना की दिशा में ऐतिहासिक पहल बन सकता है।
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