नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद वोटर लिस्ट में कथित धांधली के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। विपक्षी INDIA गठबंधन ने भाजपा और चुनाव आयोग (EC) पर “वोट चोरी” और “जनता के अधिकार छीनने” के गंभीर आरोप लगाते हुए संसद से लेकर सड़कों तक जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस अभियान का केंद्रबिंदु बना दरौंदा विधानसभा क्षेत्र का मामला, जहां वोटर लिस्ट में मिंता देवी नाम की महिला की उम्र 124 साल दर्ज की गई है। विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ एक उदाहरण है, जबकि ऐसे हज़ारों फर्जी नाम और पते चुनावी सूचियों में भरे पड़े हैं।
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “One Man-One Vote संविधान की नींव है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे लागू करने में पूरी तरह विफलता दिखाई है। पहले हमारे पास सबूत नहीं थे, अब हैं। ये खेल सिर्फ एक सीट पर नहीं, बल्कि नेशनल लेवल पर हो रहा है। EC जानता है, हम जानते हैं।” राहुल गांधी के अनुसार, भाजपा और EC के बीच मिलीभगत लोकतंत्र के लिए सीधा खतरा है और देश को अंदर से खोखला कर देगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “वोट चोरी देश के खिलाफ एक गंभीर अपराध है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
प्रदर्शन के दौरान INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन परिसर में ‘मिंता देवी’ की तस्वीर और नाम वाली टी-शर्ट पहनकर अद्वितीय विरोध दर्ज कराया। लोकसभा में कांग्रेस व्हिप मणिकम टैगोर ने कहा, “चुनाव आयोग पूरी तरह भाजपा का विभाग बन चुका है। मतदाता सूची में फर्जी नाम और पते भरे पड़े हैं, और हम संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं।” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार और EC को घेरते हुए कहा कि “वोट चोरी” लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ सीधा हमला है, और हम संविधान की रक्षा के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगे।
सड़क पर भी यह विरोध तेज़ रहा। NSUI के अध्यक्ष वरुण चौधरी के नेतृत्व में युवाओं ने ‘चुनाव आयोग मार्च’ निकाला, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने इसे “तानाशाही” करार दिया और कहा कि “भारत के इतिहास में पहली बार 300 सांसद सड़कों पर उतरे, लेकिन उन्हें चुनाव आयोग तक जाने ही नहीं दिया गया।” वहीं, कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने चेतावनी दी कि “जनता देख रही है कि चुनावी प्रक्रिया अब निष्पक्ष नहीं रह गई है, और इसका असर पूरे लोकतांत्रिक ढांचे पर पड़ेगा।”
INDIA गठबंधन का कहना है कि यह लड़ाई किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि संविधान और हर भारतीय नागरिक के वोट के अधिकार की रक्षा की है। राहुल गांधी द्वारा संसद में चुनाव आयोग की भूमिका पर दी गई विस्तृत प्रेज़ेंटेशन अब देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रोजेक्टर के माध्यम से गांव-गांव और मोहल्लों में दिखा रहे हैं, ताकि लोगों को “वोट चोरी” की सच्चाई समझाई जा सके। विपक्ष का दावा है कि चाहे भाजपा कितनी भी कोशिश कर ले, वे इस मुद्दे को दबा नहीं पाएंगे और “वोट चोरी नहीं चलेगी” का नारा आने वाले समय में और तेज़ होगा।