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यूपी के कुंदरकी उपचुनाव में भी हुई ‘वोट चोरी : कांग्रेस

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लखनऊ / मुरादाबाद, 27 सितम्बर 2025

उत्तर प्रदेश की कुंदरकी विधानसभा सीट पर नवंबर 2024 में हुए उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि इस मुस्लिम बहुल सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रामवीर सिंह की चमत्कारिक जीत दरअसल “भयंकर वोट चोरी” का नतीजा थी। कांग्रेस ने कहा है कि अब चुनाव आयोग के डेटा और स्वतंत्र विश्लेषण से साफ हो गया है कि मतदाता सूची में हेरफेर हुई, मुस्लिम वोटरों को डराया-धमकाया गया और बूथ-स्तर पर बड़े पैमाने पर धांधली की गई।

कांग्रेस ने कहा कि कुंदरकी सीट पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। 2012, 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा क्रमशः 17,000, 10,000 और 43,162 वोटों से जीती थी। 2024 के उपचुनाव में बीजेपी पहली बार इस सीट पर 1.4 लाख वोटों से जीती, जो बेहद चौंकाने वाला था। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि जहां 2022 में बीजेपी को केवल 30.4% वोट मिले थे, वहीं उपचुनाव में उसका वोट शेयर बढ़कर 77% हो गया। इसके उलट समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 46.3% से घटकर मात्र 11.5% रह गया।

सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बूथ-स्तर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बीजेपी को 70% तक वोट मिले, जबकि मई 2024 के लोकसभा चुनावों में इन्हीं इलाकों में केवल 2% मुस्लिमों ने बीजेपी को वोट दिया था। उदाहरण के लिए, कुंदरकी के हमीरपुर गांव में लोकसभा चुनाव के दौरान 70% मतदान हुआ था, लेकिन उपचुनाव में यह गिरकर केवल 18.5% रह गया। इसी गांव में बीजेपी का वोट शेयर 17.6% से उछलकर 84.1% हो गया। डेटा से यह भी सामने आया कि उपचुनाव में उन बूथों पर मतदान अपेक्षाकृत अधिक रहा जहां बीजेपी ने पहले अच्छा प्रदर्शन किया था, जबकि जहां बीजेपी कमजोर थी वहां मतदान नाटकीय रूप से घट गया।

कांग्रेस ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर का आरोप लगाया है। लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं की संख्या 4.19% बढ़ाई गई, लेकिन मुस्लिम बहुल बूथों पर वृद्धि बहुत कम रही। लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता संख्या 1.9% घट गई और यह कटौती मुस्लिम इलाकों में ज्यादा हुई। आंकड़ों के मुताबिक 90% हिंदू बहुल बूथों पर मतदाता संख्या में 4% की बढ़ोतरी हुई, जबकि 90% मुस्लिम बहुल बूथों पर केवल 1% वृद्धि दर्ज की गई। सरदार नगर गांव (73% मुस्लिम आबादी) में 86% कटौती मुस्लिम वोटरों की हुई, जो कांग्रेस के अनुसार सुनियोजित “वोट क्लीनिंग” का सबूत है।

चुनाव के दिन भी व्यापक दमन की रिपोर्ट सामने आई। हमीरपुर गांव के निवासियों ने बताया कि पुलिस ने मुस्लिम वोटरों को मतदान केंद्रों तक जाने से रोका, जबकि हिंदू वोटरों को अंदर जाने दिया गया। कई वोटरों ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले उनके आधार कार्ड छीन लिए गए, जिससे वेरिफिकेशन मुश्किल हो गया। वोटर स्लिप्स समय पर नहीं दी गईं, और जिन्हें मिलीं, उन्हें पुलिस ने रोककर वोट डालने से रोका। कांग्रेस का कहना है कि केवल बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा बांटी गई विशेष वोटर स्लिप्स वाले लोगों को ही मतदान करने दिया गया।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि यह कोई अलग-थलग घटना नहीं है बल्कि पूरे देश में “वोट चोरी” का खेल खेला जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा, “साफ है, चुनाव आयोग और नरेंद्र मोदी पूरे देश में वोट चोरी कर रहे हैं और इसी के आधार पर सरकार चला रहे हैं। लेकिन अब यह खेल सबके सामने आ चुका है। हम और सबूत जनता के सामने रखेंगे।”

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे को 2025 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बड़ा हथियार बनाने की तैयारी कर रही है। मुस्लिम बहुल सीटों पर इस तरह के परिणामों ने विपक्ष को आक्रामक कर दिया है और यह आने वाले महीनों में बीजेपी के खिलाफ बड़ा नैरेटिव बन सकता है।

 

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