नई दिल्ली / गुरुग्राम, 17 अक्टूबर 2025 | ब्यूरो रिपोर्ट
भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े सुपरस्टार और ग्लोबल आइकन विराट कोहली ने अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम शहर में स्थित अपनी बेहद आलीशान और कीमती संपत्ति की सभी कानूनी तथा प्रशासनिक जिम्मेदारियां अपने बड़े भाई विकास कोहली को सौंप दी हैं। यह हस्तांतरण एक औपचारिक जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) नामक कानूनी दस्तावेज़ के तहत किया गया है, जिसने विकास कोहली को यह व्यापक अधिकार दे दिए हैं कि वह विराट की ओर से इस भव्य प्रॉपर्टी से संबंधित हर प्रकार की प्रशासनिक, वित्तीय और कानूनी कार्यवाही का कुशलतापूर्वक निपटान कर सकें। इस कदम को विराट की दीर्घकालिक जीवन योजनाओं और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहाँ वह अपने घरेलू मामलों का प्रबंधन परिवार के सबसे भरोसेमंद सदस्य के हाथों में सुनिश्चित करना चाहते हैं, जिससे उनकी अपने खेल और वैश्विक ब्रांड पर एकाग्रता बनी रहे।
कौन सी है वह प्रॉपर्टी और कितनी है कीमत?
जांच और विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह प्रतिष्ठित संपत्ति गुरुग्राम के अत्यंत पॉश इलाके DLF सिटी, फेज-1 में स्थित है, जो शहर के सबसे महंगे और वांछनीय रिहायशी क्षेत्रों में गिना जाता है। यह प्रॉपर्टी केवल एक साधारण घर नहीं है, बल्कि एक भव्य और विशाल बंगला है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं, विशाल हरे-भरे गार्डन और सुरक्षित मल्टी-लेवल पार्किंग की सुविधा से सुसज्जित है, जिसे कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने अपने व्यक्तिगत ‘ड्रीम होम’ के रूप में डिजाइन करवाया था। इस एक्सक्लूसिव बंगले की वर्तमान बाजार में अनुमानित कीमत लगभग ₹80 करोड़ आँकी जा रही है। प्राप्त आधिकारिक दस्तावेज़ीकरण के अनुसार, विराट कोहली ने 14 अक्टूबर 2025 को वारिजाबाद तहसील, गुरुग्राम में इस कानूनी प्रक्रिया को विधिवत पूरा किया और आवश्यक दस्तावेज जमा करवाए, जिससे उनके भाई को इस बेशकीमती संपत्ति के प्रबंधन का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया।
क्या है जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA)?
यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (GPA) का उपयोग संपत्ति के वास्तविक मालिकाना हक को किसी और व्यक्ति को स्थायी रूप से हस्तांतरित करने के लिए नहीं किया जाता है; बल्कि यह एक ऐसा कानूनी उपकरण है जिसके तहत संपत्ति का मालिक (इस मामले में विराट कोहली) अपने चयनित प्रतिनिधि (विकास कोहली) को यह अधिकार प्रदान करता है कि वह उसकी अनुपस्थिति में या उसकी ओर से संपत्ति संबंधी प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों को देख सके। इन कार्यों में संपत्ति का नियमित रखरखाव सुनिश्चित करना, सरकारी टैक्सों का समय पर भुगतान करना, संपत्ति को किराए पर देने या प्रशासनिक अनुमतियाँ प्राप्त करने जैसी महत्वपूर्ण कानूनी और दैनिक जिम्मेदारियाँ शामिल होती हैं। GPA का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब संपत्ति का मूल मालिक किसी कारणवश लंबे समय तक देश से बाहर रहता है या अपनी व्यस्तताओं के चलते व्यक्तिगत रूप से संपत्ति की व्यवस्थाएँ संभालने में असमर्थ होता है, जिससे यह कदम विराट की बढ़ती वैश्विक और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के साथ पूर्णतः मेल खाता है।
क्या विराट ने संपत्ति बेच दी?
इस खबर के सामने आते ही कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कुछ ऑनलाइन पोर्टल्स ने यह भ्रामक और अधूरी खबर तेज़ी से फैला दी कि विराट कोहली ने “अपने भाई के नाम यह संपत्ति ट्रांसफर कर दी” या उसे “बेच दिया”, जिससे आम जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। हालाँकि, कोहली परिवार और आधिकारिक कानूनी स्रोतों ने तुरंत स्पष्ट किया कि यह दावा पूरी तरह निराधार है। यह प्रक्रिया केवल संपत्ति के दैनिक और कानूनी प्रबंधन संबंधी जिम्मेदारी सौंपने का मामला है, न कि संपत्ति के स्वामित्व में किसी भी प्रकार का परिवर्तन। इस भ्रामक रिपोर्टिंग पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए, विकास कोहली ने स्वयं अपने इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी, जहाँ उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा कि कुछ लोग “झूठी और अधूरी खबरें फैलाकर अफवाहें” बना रहे हैं, और उन्होंने ज़ोर दिया कि “ऐसा कुछ नहीं हुआ जैसा बताया जा रहा है”, जिससे स्वामित्व परिवर्तन की सभी अटकलें एक सिरे से खारिज हो गईं।
क्या विराट और अनुष्का लंदन शिफ्ट हो रहे हैं?
विराट कोहली द्वारा भारत की अपनी एक प्रमुख संपत्ति का प्रबंधन परिवार को सौंपने के इस कदम ने मीडिया जगत में एक नई चर्चा को जन्म दिया है कि क्या वह और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, अब लंदन में स्थायी रूप से बसने की तैयारी कर रहे हैं। यह चर्चा इसलिए भी ज़ोर पकड़ रही है क्योंकि इस पावर कपल की लंदन में पहले से ही एक प्रॉपर्टी है, और पिछले कुछ महीनों में उन्हें अपने पेशेवर और व्यक्तिगत कारणों से ब्रिटेन में अधिक समय बिताते हुए देखा गया है। यदि यह अपुष्ट खबर सही साबित होती है कि वे अपने जीवन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुनर्व्यवस्थित कर रहे हैं, तो भारत में स्थित उनकी संपत्तियों की कानूनी जिम्मेदारी परिवार के सबसे भरोसेमंद सदस्य को सौंपना उनकी दीर्घकालिक और सुविचारित योजना का एक तार्किक और आवश्यक हिस्सा हो सकता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विराट कोहली या अनुष्का शर्मा की ओर से इस ‘लंदन शिफ्ट’ की संभावनाओं पर अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, और यह केवल मीडिया की अटकलें बनी हुई हैं।
परिवार और विश्वास का प्रतीक
विराट कोहली का अपनी करोड़ों की संपत्ति का प्रबंधन अपने बड़े भाई विकास को सौंपने का यह कानूनी कदम, केवल एक व्यावहारिक या आर्थिक निर्णय भर नहीं है; यह उनके और उनके भाई के बीच अटूट विश्वास और गहरे पारिवारिक संबंधों की गहराई को भी दर्शाता है। बचपन से ही दोनों भाई एक-दूसरे के बेहद करीब रहे हैं, और जब विराट ने एक युवा क्रिकेटर के रूप में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी, तब उनके भाई विकास ने ही उन्हें हर कदम पर मानसिक, नैतिक और आर्थिक सहयोग प्रदान किया था, जो उनके करियर की नींव साबित हुआ। आज जब विराट कोहली दुनिया के सबसे सफल और धनी क्रिकेटर्स में से एक हैं, तो अपनी सबसे कीमती घरेलू संपत्ति की जिम्मेदारी बड़े भाई को सौंपना, उस पारिवारिक भरोसे और जिम्मेदारी की एक भावनात्मक और कानूनी निरंतरता है। यह निर्णय स्पष्ट रूप से दिखाता है कि विराट के जीवन में, व्यावसायिक सफलता के बावजूद, पारिवारिक मूल्य और विश्वास सर्वोपरि हैं।
विराट कोहली द्वारा अपनी गुरुग्राम की करोड़ों की प्रॉपर्टी का प्रबंधन अपने बड़े भाई विकास कोहली को जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से सौंपना, उनके जीवन के व्यावहारिक और पारिवारिक दोनों पहलुओं को एक साथ उजागर करता है। यह निर्णय एक ओर दिखाता है कि विराट अपनी बढ़ती वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बावजूद, भारत में अपने संसाधनों के कुशल और कानूनी प्रबंधन के प्रति कितने सजग हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी स्थापित करता है कि उनके लिए पारिवारिक विश्वास और संबंध किसी भी कॉर्पोरेट प्रबंधन से अधिक महत्वपूर्ण हैं। अंततः, यह कदम इस बात की भी पुष्टि करता है कि विराट कोहली अब अपने क्रिकेट, फिटनेस, और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग पर अपना अधिकतम समय और ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, जिसके लिए वह अपनी घरेलू और प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ परिवार के सबसे भरोसेमंद और सक्षम हाथों में छोड़कर निश्चिंत होना चाहते हैं।=