कटरा (जम्मू-कश्मीर) 28 अगस्त 2025
मां वैष्णो देवी के दरबार तक पहुंचने वाले पवित्र मार्ग पर सोमवार देर रात हुआ भूस्खलन एक भयावह त्रासदी में बदल गया। इस हादसे में 33 श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। राहत और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन भारी मलबा और फंसे हुए लोगों की चीखें उस रात को और भी भयावह बना गईं।
श्रद्धालुओं की चीखें और टूटते सपने
हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा खिसक कर नीचे आया। देखते ही देखते दर्जनों लोग मलबे में दब गए। कई परिवारों का सफर वहीं थम गया, जिनके पास न तो संभलने का वक्त मिला और न ही भागने का रास्ता। बचे हुए श्रद्धालु अभी भी उस भयावह मंजर को याद कर कांप उठते हैं।
प्रधानमंत्री का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव मदद कर रही है और घायलों के इलाज के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की।
आस्था से आंसुओं तक का सफर
मां वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा श्रद्धालुओं के लिए जीवन का सबसे बड़ा संकल्प होती है, लेकिन इस बार यह यात्रा कई परिवारों के लिए हमेशा की पीड़ा बन गई। जिस रास्ते से लोग मां के दर्शन के लिए निकलते हैं, वहां चीख-पुकार और आंसुओं का सन्नाटा पसरा हुआ है।
जिम्मेदारी और सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर से तीर्थ यात्राओं के दौरान सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मार्ग पर लगातार निगरानी और मजबूत सुरक्षा व्यवस्थाएं जरूरी हैं, ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
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