काराकास 29 सितंबर 2025
वेनेज़ुएला और अमेरिका के बीच रिश्ते तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि राष्ट्रपति निकोला́s मादुरो ने देश के आम नागरिकों को भी सैन्य प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि अमेरिका वेनेज़ुएला के खिलाफ साजिश रच रहा है और किसी भी समय हमला कर सकता है। इसी खतरे को देखते हुए मादुरो ने एक विशेष “बोलिवेरियन मिलिशिया” बनाई है, जिसमें लाखों नागरिक शामिल हो रहे हैं। इन नागरिकों को हथियार चलाने, युद्ध के समय काम आने वाली तकनीकें सीखने और अपने इलाके की रक्षा करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब अमेरिका ने कैरिबियन सागर में अपने आठ युद्धपोत तैनात कर दिए। अमेरिका का दावा है कि यह तैनाती ड्रग तस्करी को रोकने और आपराधिक नेटवर्क पर कार्रवाई के लिए है। लेकिन मादुरो का आरोप है कि यह सिर्फ एक बहाना है और असली मकसद वेनेज़ुएला में शासन परिवर्तन करना है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और सैन्य नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वे वेनेज़ुएला को अस्थिर करना चाहते हैं ताकि उनकी सरकार गिर जाए।
मादुरो ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो वे देश को “रिपब्लिक इन आर्म्स” यानी हथियारबंद गणराज्य घोषित कर देंगे। उन्होंने कहा कि वेनेज़ुएला अपनी संप्रभुता और आज़ादी की रक्षा के लिए हर हद तक जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब चार लाख लोगों को इस मिलिशिया में शामिल किया जा चुका है और मादुरो का लक्ष्य आठ मिलियन नागरिकों तक इसे बढ़ाना है। ये लोग किसान, मजदूर, छात्र और सामान्य नागरिक हैं जो अब राइफल और सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
अमेरिका की ओर से भी हालात शांत नहीं हैं। हाल ही में अमेरिकी सेना ने वेनेज़ुएला से निकली एक नाव पर हवाई हमला किया, जिसे ड्रग तस्करी में शामिल बताया गया। इस हमले में 11 लोगों की मौत हुई। इस घटना के बाद मादुरो और भी आक्रामक हो गए और उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार को डराने की कोशिश है। वेनेज़ुएला ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि अमेरिका की “आक्रामकता” को रोका जाए।
हालाँकि इस पूरे घटनाक्रम से आम लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। नागरिकों को हथियार थमाना एक बड़ा और विवादित कदम है, क्योंकि इससे देश में हिंसा और बढ़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की तैयारी से नागरिक युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने वेनेज़ुएला से राजनीतिक संवाद और शांति की राह अपनाने की अपील की है।
यह संकट अब सिर्फ अमेरिका और वेनेज़ुएला तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका में चिंता का कारण बन गया है। अगर हालात और बिगड़े तो यह पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। सवाल यह है कि क्या यह मिलिशिया वाकई देश की रक्षा के लिए है, या यह मादुरो सरकार के लिए सत्ता बचाने का एक तरीका है? आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि यह टकराव किसी समझौते की ओर बढ़ेगा या वास्तव में एक नए संघर्ष का कारण बनेगा।