जिनेवा, 16 सितम्बर 2025
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जांच टीम ने बड़ा आरोप लगाया है कि इज़रायल गाज़ा में जनसंहार (Genocide) कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, राष्ट्रपति आइज़ैक हर्ज़ोग और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलंट समेत शीर्ष इज़रायली नेतृत्व ने ऐसी नीतियाँ अपनाईं, जो 1948 के Genocide Convention की कई धाराओं का उल्लंघन करती हैं।
आयोग ने अपने निष्कर्ष में कहा कि इज़रायली हमले सिर्फ हामास लड़ाकों को निशाना नहीं बना रहे, बल्कि आम नागरिकों, स्वास्थ्य सेवाओं और जीवन-परिस्थितियों को पूरी तरह तबाह कर रहे हैं। गाज़ा में मौतों, विस्थापन, खाद्य व चिकित्सा संकट और बुनियादी ढांचे की तबाही को आयोग ने जनसंहार की मंशा का सबूत बताया।
इज़रायल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “विकृत, झूठी और पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट” बताया। इज़रायली सरकार का कहना है कि आयोग ने हामास के हमलों और अक्टूबर 2023 की घटनाओं को अनदेखा किया है और उसकी कार्रवाई आत्मरक्षा में की जा रही है।
यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल पैदा कर रही है। अगर “जनसंहार का इरादा” साबित होता है तो मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अभियोजन योग्य अपराध बन सकता है। इससे इज़रायल पर कूटनीतिक दबाव बढ़ेगा और वैश्विक स्तर पर हथियारों के निर्यात रोकने जैसी मांगें तेज़ हो सकती हैं।
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