नई दिल्ली 27 अगस्त 2025
देश के कई राज्यों में लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं, सड़कें बंद हैं और कई गांव संपर्क से कट गए हैं। प्रशासन और राहत दल पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24-48 घंटों तक बारिश का दौर जारी रहेगा।
जम्मू-कश्मीर: तावी, झेलम और चिनाब नदियों में उफान
जम्मू-कश्मीर में तावी, झेलम और चिनाब नदियों का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। कटरा और पहलगाम क्षेत्र में भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हैं और छोटे गांव संपर्क से कट गए हैं। जम्मू-केरन मार्ग और कटरा-मलोट मार्ग पर वाहनों का आवागमन बाधित है। प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का काम तेज कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को सक्रिय कर फंसे लोगों तक राहत पहुँचाई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश: सतलुज और व्यास नदियों में बढ़ता खतरा
हिमाचल प्रदेश में सतलुज और व्यास नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कुल्लू और मनाली के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 3 बंद हो गया है। कई छोटे गांव सड़क संपर्क से कट गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आवाजाही कठिन हो गई है। भूस्खलन की घटनाओं ने पहाड़ी इलाकों में खतरे को और बढ़ा दिया है। प्रशासन ने राहत शिविर खोलकर बचाव दल को सक्रिय किया है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।
उत्तराखंड: गंगा और यमुना नदियों का उफान
उत्तराखंड के ऋषिकेश और हरिद्वार क्षेत्रों में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। नदी के किनारे बसे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाओं के कारण देहरादून-नैनीताल मार्ग और रुद्रप्रयाग-जौलीग्रांट मार्ग कई स्थानों पर बंद हो गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की कार्रवाई तेज कर दी है। राहत दल और एनडीआरएफ टीमें लगातार राहत कार्य में लगी हुई हैं।
उत्तर प्रदेश: गंगा, यमुना और घाघरा में संकट
उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा नदियों के किनारे बसे इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा है। लखनऊ-इलाहाबाद और कानपुर-वाराणसी मार्ग पर कई जगह पानी भर गया है और सड़कें बंद हैं। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और ग्रामीण इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। घाघरा नदी के किनारे कई तटीय इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है।
बिहार: गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक के किनारे बाढ़
बिहार में गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक नदियों का जलस्तर बढ़ा है। दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिलों में जलभराव के कारण कई सड़कें बंद हैं और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन की घटनाओं के कारण कई ग्रामीण इलाके पूरी तरह कट गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने नावों और बचाव दलों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है।
महाराष्ट्र और मुंबई: बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
महाराष्ट्र में भी मॉनसून बारिश का असर तेजी से दिख रहा है। मुंबई, ठाणे और घाटकोपर सहित शहरों के कई इलाके जलमग्न हैं। माहिम, डांडीवली, अंधेरी और साकिनाका में भारी जलभराव से सड़कें बंद हैं। पहाड़ी और उंचाई वाले इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। प्रशासन ने फंसे लोगों की मदद के लिए राहत शिविर और बचाव दल तैनात किए हैं।
राहत कार्य और प्रशासन की तैयारी
जम्मू, मुंबई और अन्य प्रभावित राज्यों में फंसे लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए हिंदन एयरबेस और स्थानीय एयरपोर्ट से विशेष विमान और हेलीकॉप्टर रवाना किए गए हैं। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर खोले गए हैं और एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अनावश्यक बाहर न जाएँ और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24-48 घंटों तक भारी बारिश जारी रह सकती है। देश के प्रभावित राज्यों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है और कई सड़कें बंद हैं। प्रशासन और राहत दल पूरी तरह सक्रिय हैं और फंसे लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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