नई दिल्ली 1 अक्टूबर 2025
भारत और अमेरिका के बीच हालिया टैरिफ वॉर ने रिश्तों में खटास ला दी है। इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात नवंबर में मलेशिया में होने वाले ASEAN शिखर सम्मेलन में हो सकती है। अगर यह बैठक होती है तो यह टैरिफ टकराव के बाद दोनों नेताओं की पहली सीधी मुलाकात होगी।
ट्रेड वॉर से उपजे तनाव
अमेरिका ने हाल ही में भारतीय निर्यातों पर 50% तक ऊँचे शुल्क लगाए हैं, जिससे भारत को बड़ा आर्थिक झटका लगा है। वहीं भारत ने भी कई अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाया है। यह तनाव एशिया की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल रहा है और ASEAN देशों ने भी चिंता जताई है। मलेशिया के प्रधानमंत्री ने साफ़ कहा है कि वे ट्रम्प से “एकजुट होकर” शुल्क नीति पर बात करेंगे।
मुलाकात की अहमियत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ASEAN शिखर सम्मेलन के इतर मोदी और ट्रम्प की बाइलैटरल (द्विपक्षीय) बैठक तय की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि एजेंडे में मुख्य रूप से होंगे:
- बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ से राहत की मांग
- रक्षा और तकनीकी सहयोग
- हिंद–प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे का जवाब
- भारत को अमेरिकी बाजारों में और अधिक अवसर
ASEAN की भूमिका
इस साल ASEAN शिखर सम्मेलन का फोकस ही अमेरिका के टैरिफ, म्यांमार संकट और दक्षिण चीन सागर विवाद होगा। ऐसे में मोदी–ट्रम्प मुलाकात सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि यह पूरे एशियाई रणनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगी।
क्या निकलेगा नतीजा? अब सवाल यही है — क्या मोदी और ट्रम्प टैरिफ टकराव को सुलझाने के लिए कोई रास्ता निकाल पाएंगे? या फिर यह मुलाकात केवल कैमरे के सामने हाथ मिलाने तक सिमट जाएगी? दुनिया की निगाहें नवंबर में मलेशिया पर टिकी होंगी, जहां एशियाई राजनीति का अगला बड़ा ड्रामा लिखा जाएगा।