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ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे BJP ने ठगा नहीं : कांग्रेस

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BJP के 11 साल: छल, जुमले और अधूरे वादों की राजनीति

कांग्रेस प्रवक्ता और महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता अतुल लोंढे पाटिल ने बिहार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में बीजेपी ने देश की जनता के साथ केवल छल और जुमलेबाज़ी की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जब चुनावी मंचों पर आती है तो जनता को सपनों का महल दिखाती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन वादों को ठंडे बस्ते में डाल देती है। लोंढे ने कहा, “बीजेपी चीनी मिल और मखाना उद्योग की बात करती है, लेकिन असलियत यह है कि इन क्षेत्रों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। किसानों की कमर टूट चुकी है, और छोटे उद्योग दम तोड़ रहे हैं। बीजेपी केवल नाम और प्रचार की राजनीति करती है — काम की नहीं, बदनाम की राजनीति करती है।”

“ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे बीजेपी ने ठगा नहीं” — जनता के धैर्य की सीमा खत्म

अतुल लोंढे ने अपने बयान में कहा, “अब यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे बीजेपी ने ठगा नहीं।” उन्होंने कहा कि केंद्र से लेकर राज्यों तक बीजेपी का एक ही फॉर्मूला है — वादा करो, प्रचार करो, और फिर भूल जाओ। उन्होंने कहा कि जनता अब जाग चुकी है और उसे समझ आ गया है कि बीजेपी केवल वोट के समय “देशभक्ति” और “विकास” की बातें करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद न तो विकास दिखता है और न ही कोई ठोस नीति। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत उसका प्रचार तंत्र है, और उसकी सबसे बड़ी कमजोरी उसका वचनभंग।

महाराष्ट्र में उद्योगों का पलायन — बीजेपी शासन की नाकामी का प्रमाण

महाराष्ट्र की राजनीति पर बोलते हुए लोंढे ने कहा कि राज्य में तीनों पार्टियों के बीच की लगातार खींचतान और सत्ता के लिए जारी अंतर्कलह के कारण महाराष्ट्र से बड़े-बड़े उद्योग शिफ्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार खत्म हो रहे हैं, निवेशक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और युवा पीढ़ी निराशा में डूब रही है। लोंढे ने सवाल उठाया कि क्या यह वही “डबल इंजन सरकार” है, जो विकास का दावा करती है? उन्होंने कहा कि बीजेपी ने न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश में उद्योग, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र को खोखला कर दिया है।

बिहार का उदाहरण — दरभंगा AIIMS बना जुमलों का प्रतीक

लोंढे ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी सपने तो बड़े दिखाती है, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं करती। उन्होंने कहा कि दरभंगा में प्रस्तावित AIIMS इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वर्षों पहले इस परियोजना की घोषणा हुई, पर आज तक इसका कोई अस्तित्व नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि “जब दिल्ली से लेकर दरभंगा तक केवल घोषणाएं ही मिलती हैं, तो जनता को यह समझ लेना चाहिए कि बीजेपी का मॉडल केवल ‘घोषणा करो और भूल जाओ’ पर टिका है।” लोंढे ने बिहारवासियों से अपील की कि वे इस बार जुमलों में न फंसें और अपने वोट का इस्तेमाल सच और विकास के पक्ष में करें।

 लोंढे के सीधे सवाल — NDA को जनता के सामने जवाब देना होगा

कांग्रेस प्रवक्ता ने NDA से कई तीखे सवाल पूछे जो उन्होंने कहा कि हर राज्य का नागरिक पूछना चाहता है। उन्होंने पूछा —

बीजेपी ने दिल्ली में महिलाओं को ₹2,500 देने का वादा किया था, लेकिन आज तक क्यों नहीं मिला?

दिल्ली में गरीबों के घर क्यों तोड़े गए, जब सरकार “सभी के लिए आवास” का दावा करती है?

हरियाणा में किसानों को धान की अधिक कीमत देने का वादा किया गया था, लेकिन वह वादा भी अधूरा रह गया — क्यों?

महाराष्ट्र में महिलाओं को ₹2,100 देने का वादा किया गया था, फिर उनके साथ विश्वासघात क्यों किया गया?

लोंढे ने कहा कि बीजेपी हर राज्य में अलग-अलग वादों का पिटारा खोलती है, लेकिन किसी एक को भी पूरा करने की नीयत नहीं रखती। उन्होंने कहा कि यह सवाल जनता के हैं, और बीजेपी को अब जनता की अदालत में जवाब देना होगा।

 “जिन्होंने दिया है बार-बार धोखा, उन्हें बिहार अब नहीं देगा मौका”

लोंढे ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि बिहार की जनता अब बहुत कुछ देख और समझ चुकी है। उन्होंने कहा, “जिन्होंने दिया है बार-बार धोखा, उन्हें बिहार अब नहीं देगा मौका।” उन्होंने जनता से अपील की कि वे वोट डालते समय केवल भावनाओं में नहीं, बल्कि तथ्यों और वादों के आधार पर फैसला लें। बीजेपी ने पिछले 11 साल में हर वर्ग को ठगा है — किसानों को, मजदूरों को, महिलाओं को और युवाओं को। अब समय आ गया है कि बिहार इस झूठ की राजनीति को सबक सिखाए और एक नई शुरुआत करे।

 जनता का विश्वास अब सच्चाई और जवाबदेही पर टिकेगा

अतुल लोंढे के इस बयान ने बिहार की सियासत में नई गर्मी ला दी है। चुनावी माहौल में यह बयान बीजेपी के लिए चुनौती साबित हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस अब “वादाखिलाफी” और “धोखेबाज़ी” को मुद्दा बनाकर एक जन आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है। लोंढे का यह संदेश साफ है — अब राजनीति प्रचार से नहीं, प्रदर्शन से चलेगी।

 

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