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बदलाव का बिगुल बजा — राघोपुर से नामांकन के बाद तेजस्वी बोले, हर बिहारी है ‘Change Maker of Bihar’

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राघोपुर से नामांकन — बदलाव की दस्तक और नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

बिहार की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक दिन दर्ज हुआ, जब राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान सड़क किनारे उमड़े जनसैलाब, जनता का उत्साह और जयकारों ने इसे एक राजनीतिक कार्यक्रम से अधिक एक आंदोलन में बदल दिया। तेजस्वी ने कहा कि यह नामांकन केवल एक उम्मीदवार का नहीं, बल्कि बिहार के हर नागरिक का संकल्प है — जो गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और अन्याय से मुक्ति चाहता है। उन्होंने इसे “जनता का नामांकन, जनादेश का उद्घोष” करार दिया और कहा कि राघोपुर से उठी यह आवाज़ अब पूरे बिहार में बदलाव की गूंज बन चुकी है।

विकास का घोषणा पत्र — हर घर, हर दिल, हर उम्मीद का नामांकन

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह नामांकन सिर्फ राजनीति के लिए नहीं, बल्कि हर घर की खुशी और हर परिवार की सुरक्षा के लिए है। उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के विकास का एक स्पष्ट खाका रखा और कहा कि यह चुनाव उनके लिए नहीं, बल्कि नौजवानों के रोजगार, किसानों की इज्जत और महिलाओं की गरिमा के लिए है।

उन्होंने अपने संकल्प पत्र की बातें गिनाते हुए कहा — “हर परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देना, बेरोजगारी खत्म करना, महिलाओं को ₹2500 प्रति माह देना, हर घर में 200 यूनिट फ्री बिजली देना, सिलेंडर की कीमत ₹500 तक सीमित करना, और दिव्यांगों तथा बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाना — ये वादे नहीं, जिम्मेदारियाँ हैं।”

तेजस्वी ने आगे कहा, “बिहार के बच्चों को स्मार्ट स्कूल चाहिए, बीमारों को अच्छे अस्पताल चाहिए, हर गांव को उद्योग और रोज़गार चाहिए — और यही मेरा असली ‘विकास संकल्प’ है।”

 “हर बिहारी है मुख्यमंत्री” — Change Maker of Bihar की नई परिभाषा

तेजस्वी यादव ने राघोपुर के मंच से एक अनोखा नारा दिया — “अब हर बिहारी है मुख्यमंत्री।” उन्होंने कहा, “CM का मतलब अब Chief Minister नहीं, बल्कि Change Maker of Bihar है। आज सिर्फ तेजस्वी ने नहीं, बल्कि बिहार के हर नागरिक ने नामांकन किया है — क्योंकि अब बदलाव का वक्त आ गया है।” उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने वर्षों तक झूठे वादे और खोखले विकास के नारों को झेला है, लेकिन अब जनता खुद अपनी तकदीर लिखने निकली है। “जब जनता फैसला करती है, तो तख्त बदलते हैं, ताज बदलते हैं — और बिहार अब अपने भविष्य को खुद गढ़ने जा रहा है।” तेजस्वी ने इस अवसर पर युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे “घोषणाओं से नहीं, अपने अधिकारों से प्रेरित होकर मतदान करें।” उन्होंने कहा कि बिहार का हर युवा, किसान, मजदूर और छात्र आज “Change Maker of Bihar” है — और यही सबसे बड़ी राजनीतिक क्रांति है।

20 वर्षों की पीड़ा का अंत — नई सुबह की शुरुआत

तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के सबसे भावनात्मक हिस्से में कहा कि यह नामांकन केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि बीस वर्षों की पीड़ा, अन्याय और असहायता के अंत की शुरुआत है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया, “मेरे लिए राजनीति सत्ता का साधन नहीं, सेवा का प्रण है। मैं आपके पसीने की हर बूँद की क़ीमत जानता हूँ और उसका मान रखूँगा।” उन्होंने कहा कि बिहार के लोग 20 साल से अवसरों की कमी, उद्योगों के पलायन, शिक्षा की गिरावट और महंगाई के बोझ से टूट चुके हैं। “लेकिन अब वह दौर खत्म होने वाला है। शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार में नई सुबह का उदय होगा — जहां न डर होगा, न भेदभाव, न भ्रष्टाचार, बल्कि सम्मान और समानता का शासन होगा।”

जनता की मुहर से होगा परिवर्तन — “हक लेने आ रहे हैं बिहारी”

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता अब ठान चुकी है — “परिवर्तन की गूंज भारी है, हक लेने आ रहे हैं बिहारी।” उन्होंने कहा कि 14 नवंबर सिर्फ मतदान की तारीख नहीं होगी, बल्कि यह “जनता के अधिकार की जीत का दिन” बनेगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव जाति या धर्म का नहीं, बल्कि भविष्य और सम्मान का चुनाव है।

उन्होंने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा, “मेरा हौसला आपसे है। आपके प्यार और आशीर्वाद ने मुझे वह ताकत दी है, जिससे मैं कांटों और पथरीली राहों पर भी बिहार के लिए तरक़्क़ी का रास्ता बनाता रहूँगा।”

तेजस्वी ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा —

“अब बिहार को आगे ले जाने का सपना सच होने की दहलीज़ पर है। जनता तैयार है, जनादेश तैयार है, और आने वाला बिहार बदलाव की कहानी खुद लिखने जा रहा है।”

बिहार में नवक्रांति की आहट, जनादेश की दस्तक

राघोपुर से तेजस्वी यादव का नामांकन केवल एक उम्मीदवार की औपचारिकता नहीं, बल्कि बदलाव की प्रस्तावना बन गया है। बिहार की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक अब यही चर्चा है कि “बिहार बदलने वाला है।”

तेजस्वी की यह राजनीतिक यात्रा बिहार के इतिहास में उस मुकाम की ओर बढ़ रही है, जहां जनता पहली बार खुद को शासन का हिस्सा महसूस कर रही है। उनके शब्दों में — “अब बिहार बोलेगा, अब बिहार चलेगा, अब बिहार जीतेगा।” जय हिंद, जय बिहार, जय बिहारी! 

 

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