केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने “ऊर्जा वार्ता 2025” के राउंड टेबल सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के ऊर्जा परिवर्तन की असली ताकत उसके राज्य हैं, और अगले दस वर्षों में ऊर्जा अवसंरचना में ₹30–35 लाख करोड़ के निवेश की संभावना है। उन्होंने कहा, “राज्य भारत के ऊर्जा संक्रमण के केंद्र में हैं।”
श्री पुरी ने भारत की ऊर्जा मांग को “संरचित, पूर्वानुमेय और जिम्मेदार” बताते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में वैश्विक तेल मांग में 16% योगदान भारत का रहा, और 2045 तक यह योगदान 25% तक पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत ने ₹4 लाख करोड़ से अधिक ऊर्जा अवसंरचना में निवेश किया है, जिससे राज्य स्तर पर प्रत्यक्ष आर्थिक मूल्य सृजित हुआ है।
मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि 2025 से 2035 के बीच भारत के हाइड्रोकार्बन वैल्यू चेन में भारी निवेश होगा, जिसके लिए राज्यों की सक्रिय नेतृत्व और भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार नीतिगत समर्थन, वित्तीय संसाधन और समन्वय के माध्यम से राज्यों के साथ मिलकर ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।
‘ऊर्जा वार्ता 2025’ ने भारत की उस प्रतिबद्धता को दोहराया जिसमें पारदर्शी, निवेशक अनुकूल और नवाचार आधारित ऊर्जा ईकोसिस्टम को तैयार करने पर ज़ोर दिया गया है। श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक ऊर्जा नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है, जहां सुधार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और उन्नत तकनीक देश की ऊर्जा भविष्य की आधारशिला बन रहे हैं।