नई दिल्ली 6 अक्टूबर 2025
देशभर में चौतरफा आलोचना और विपक्ष के तीखे हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में हुए मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हमले की घटना पर प्रतिक्रिया दी। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को खुद मुख्य न्यायाधीश से फोन पर बात की और घटना पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा कि “यह घटना हर भारतीय को झकझोर देने वाली है।”
प्रधानमंत्री ने मुख्य न्यायाधीश से बातचीत के दौरान उनकी कुशलक्षेम पूछी और कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं का लोकतांत्रिक भारत में कोई स्थान नहीं है। मोदी ने कहा कि “भारत का न्यायपालिका तंत्र लोकतंत्र की आत्मा है, और उस पर इस तरह का हमला पूरे देश को आक्रोशित कर गया है।”
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सुप्रिया श्रीनेत समेत कई विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने कहा था कि “प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओं की चुप्पी लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।” वहीं सोनिया गांधी ने अपने बयान में कहा था कि “यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि संविधान पर भी वार है।”
विपक्ष और जनता के बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान सामने आया है। राजनीतिक हलकों में इसे “विवश प्रतिक्रिया” बताया जा रहा है, क्योंकि बीते 24 घंटे से सोशल मीडिया पर #PM_SpeakUp और #JusticeForCJI जैसे ट्रेंड्स छाए हुए थे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री की यह प्रतिक्रिया देर से सही, लेकिन आवश्यक थी — क्योंकि न्यायपालिका पर हमला किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की बुनियाद पर चोट है।