नई दिल्ली, 11 सितंबर 2025
सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला एशिया कप मुकाबला अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा। अदालत ने उस जनहित याचिका (PIL) को तत्काल सुनवाई के लिए लेने से इनकार कर दिया जिसमें इस हाई-वोल्टेज मैच को रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट का स्पष्ट संदेश रहा — “मैच मस्ट गो ऑन।”
PIL में क्या था मामला?
याचिका दायर करने वाले ने कोर्ट से अपील की थी कि भारत-पाकिस्तान मैच को सुरक्षा कारणों और हालात का हवाला देते हुए रद्द किया जाए। दलील यह थी कि मैच के आयोजन से तनाव भड़क सकता है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। याचिकाकर्ता ने इसे “सिर्फ़ खेल नहीं बल्कि संवेदनशील मुद्दा” बताया और मैच को स्थगित या रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
चीफ़ जस्टिस की बेंच ने इस मामले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि खेल को अनावश्यक विवादों में घसीटना उचित नहीं है। कोर्ट ने कहा, “खेल और खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिए। किसी भी संवैधानिक अदालत का काम यह तय करना नहीं है कि मैच होगा या नहीं। यह खेल संगठनों और सरकार के अधिकार क्षेत्र का विषय है।” इस बयान के साथ कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए राहत की खबर
इस फैसले के बाद क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह का माहौल है। भारत-पाकिस्तान मुकाबला एशिया कप का सबसे बड़ा आकर्षण माना जाता है और दर्शक इसे देखने के लिए लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे। कोर्ट के फैसले से अब यह निश्चित हो गया है कि मैच अपने निर्धारित समय और स्थान पर ही खेला जाएगा।
व्यापक असर और संदेश
सुप्रीम कोर्ट का यह रुख केवल इस मैच तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े संदेश की तरह है कि खेलों को राजनीति या विवादों की भेंट नहीं चढ़ाना चाहिए। अदालत ने साफ़ कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा या कूटनीतिक मुद्दों पर निर्णय सरकार और प्रशासन का काम है, न कि कोर्ट का। यह फैसला खिलाड़ियों और खेल संगठनों के लिए भी राहतभरा है, जिन्हें अब बिना किसी कानूनी अड़चन के टूर्नामेंट पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा।