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POJK में न्याय की घड़ी: पाकिस्तान की नाकामी उजागर – मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

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नई दिल्ली | 5 अक्टूबर 2025

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में चल रहे दमन को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए कड़ा रुख अपनाया है। मंच ने कहा कि POJK के लोगों का संघर्ष केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि पूरी मानवता की लड़ाई है। राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने जोर देकर कहा, “POJK के लोगों का दर्द अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनकी आजादी, सम्मान और न्याय की पुकार हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। पाकिस्तान एक फेल्ड स्टेट बन चुका है, जो अपने ही लोगों को बंदूक के साए में कैद रखता है।”

मंच की केंद्रीय टीम ने एक आपात बैठक में POJK के हालात पर गहन चर्चा की। बैठक में शाहिद सईद, डॉ. शाहिद अख्तर, विराग पाचपोर, डॉ. शालिनी अली, मोहम्मद अफजल, सैयद रजा हुसैन रिजवी, हबीब चौधरी, गिरीश जुयाल, इस्लाम अब्बास, अबूबकर नकवी, एस.के. मुद्दीन और इरफान अली पीरजादा जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि POJK में पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएंगे। मंच ने भारत के मुसलमानों से अपील की कि वे मानवता, सच्चाई और न्याय के पक्ष में एकजुट होकर दुनिया को यह दिखाएं कि यह लड़ाई सीमाओं की नहीं, बल्कि इंसानियत की है।

पाकिस्तान का क्रूर चेहरा बेनकाब

डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा, “POJK के लोग सस्ती बिजली, आटा, रोजगार और आत्मनिर्णय जैसे बुनियादी अधिकारों की मांग कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इसका जवाब गोलियों और लाठियों से दिया। यह क्रूरता उस देश की दोहरी मानसिकता को उजागर करती है, जो भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाता है, मगर अपने कश्मीरियों का खून बहा रहा है।” उन्होंने पाकिस्तान को “फेल्ड स्टेट” करार देते हुए कहा कि वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए हिंसा का सहारा ले रहा है।

डॉ. शालिनी अली ने पाकिस्तान के रवैये पर गहरी चिंता जताते हुए कहा, “POJK में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भय के साए में जी रहे हैं। पाकिस्तान ‘कश्मीर की आजादी’ के नाम पर आतंक और दमन फैला रहा है। हम गुलाम कश्मीर के पीड़ितों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। यह सिर्फ सीमाओं की लड़ाई नहीं, बल्कि इंसानियत और न्याय की जंग है।”

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग

मंच ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व मानवाधिकार परिषद से मांग की कि वे POJK में हो रहे मानवाधिकार हनन पर तत्काल संज्ञान लें और पाकिस्तान पर दबाव बनाएं। मंच ने कहा कि पाकिस्तान ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर POJK की जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की है, जो उसकी सैन्य तानाशाही को दर्शाता है।

POJK में भयावह हालात

POJK में स्थानीय लोग बिजली, पानी, आटा और बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर सड़कों पर हैं, लेकिन पाकिस्तानी प्रशासन ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का जवाब हिंसा से दिया। दर्जनों लोग मारे गए हैं, सैकड़ों घायल हैं, और क्षेत्र में संचार सेवाएं ठप कर दी गई हैं। मंच ने कहा, “पाकिस्तान का ‘कश्मीर के लिए संघर्ष’ झूठ का मुखौटा है। जो देश अपने लोगों को बोलने की आजादी नहीं देता, उसे भारत के कश्मीर पर बोलने का कोई हक नहीं।”

न्याय का समय आ गया

शाहिद सईद ने कहा, “POJK भारत का अभिन्न हिस्सा है। वहां के लोग जानते हैं कि भारत ही वह देश है जहां संविधान और न्याय जीवित है। पाकिस्तान ने कश्मीर के नाम पर दशकों तक दुनिया को गुमराह किया, लेकिन अब POJK के लोगों का प्रतिरोध उसकी सच्चाई उजागर कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मौन अत्याचार के खिलाफ खुलकर बोलना होगा।”

 

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