नई दिल्ली 21 अक्टूबर 2025
मोदी सरकार के ‘सुशासन मॉडल’ पर बड़ा सवाल — तीन महीने बीत गए, लेकिन देश का सबसे अहम पद वित्त सचिव अब तक खाली है। बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, मगर वित्त मंत्रालय बिना अपने शीर्ष अधिकारी के चल रहा है।
पूर्व वित्त सचिव अजय सेठ के IRDAI में जाने के बाद से यह पद खाली पड़ा है। अब कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन — जो खुद पूर्व वित्त सचिव रह चुके हैं — अनौपचारिक रूप से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। यानी अब एक ही आदमी दो-दो टोपी पहनकर सरकार की वित्तीय गाड़ी चला रहा है।
नॉर्थ ब्लॉक के गलियारों में चर्चा है कि सोमनाथन अब छह विभागों — आर्थिक मामलों, राजस्व, व्यय, वित्तीय सेवाएं, डीआईपीएएम और डीपीई — को जोड़ने का काम संभाल रहे हैं। पर सवाल उठता है कि आखिर सरकार इतने महत्वपूर्ण पद को तीन महीने तक खाली क्यों रखे हुए है?
वित्त सचिव कोई औपचारिक पद नहीं, लेकिन उसकी भूमिका अत्यंत संवेदनशील है — वही व्यक्ति वित्त मंत्री का प्रमुख सलाहकार होता है, आंतरिक समन्वय करता है, और वही एक अधिकारी है जिसे ‘एक रुपये के नोट’ पर हस्ताक्षर का अधिकार होता है।
अब जबकि बजट 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं, तो यह समझ से परे है कि सरकार ने अब तक औपचारिक नियुक्ति क्यों नहीं की। राजनीतिक विशेषज्ञों का तंज है, “जब पूरा देश एक आदमी के इशारे पर चलता है, तो शायद वित्त सचिव की जरूरत भी नहीं पड़ती। यही है ‘अच्छे दिन’ की नई अर्थनीति।” तीन महीने से देश की आर्थिक दिशा ‘एड-हॉक मोड’ पर है — और यही है Modi-style Good Governance!