नई दिल्ली 13 अगस्त 2025
हमारे जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है और इसका मूल आधार है सही पोषण। सही पोषण का मतलब केवल खाना खाना नहीं है, बल्कि ऐसा भोजन लेना है जो हमारे शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और फाइबर प्रदान करे। जब हम संतुलित और पौष्टिक आहार लेते हैं, तो हमारा शरीर न केवल ऊर्जा से भरपूर रहता है बल्कि विभिन्न बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी मजबूत होती है। विटामिन्स जैसे विटामिन A, C, D और खनिज जैसे आयरन, कैल्शियम हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इनमें से किसी की कमी से ना केवल कमजोरी होती है बल्कि विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो जाती है। इसलिए यह जरूरी है कि हम रोजाना ताजे फल, सब्जियां, अनाज और प्रोटीन युक्त पदार्थों का सेवन करें।
आधुनिक जीवनशैली में अक्सर हम फास्ट फूड और जंक फूड की ओर आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि ये जल्दी तैयार हो जाते हैं और स्वाद में भी लुभावने होते हैं। लेकिन इन खाद्य पदार्थों में पोषण की कमी होती है और इनमें अधिक मात्रा में वसा, नमक, और शक्कर होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध होती है। बार-बार ऐसा भोजन लेने से मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, अक्सर लोग नाश्ते को छोड़ देते हैं या कम महत्व देते हैं, जबकि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। सही नाश्ता आपके मेटाबोलिज्म को गति देता है, दिनभर ऊर्जा बनाए रखता है और अतिरिक्त भोजन से बचाता है।
पोषण केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे दिमाग को सही मात्रा में ग्लूकोज और अन्य पोषक तत्व चाहिए होते हैं ताकि वह ठीक से काम कर सके। जब हमारा आहार संतुलित होता है, तब हमारा ध्यान केंद्रित रहता है, मूड बेहतर होता है और तनाव कम महसूस होता है। इसके विपरीत, खराब आहार मानसिक अस्वस्थता, चिंता और अवसाद को बढ़ावा दे सकता है। इसलिए, खासकर बच्चों और युवाओं के लिए पौष्टिक आहार का सेवन आवश्यक है ताकि उनका शैक्षणिक और सामाजिक विकास सही दिशा में हो सके।
समय के साथ बदलती दुनिया में हमें अपने खान-पान की आदतों को भी सुधारना होगा। जैविक और प्राकृतिक उत्पादों की ओर रुझान बढ़ाना चाहिए और जितना हो सके प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। साथ ही पानी की पर्याप्त मात्रा पीना भी पोषण का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है। याद रखें कि पोषण केवल खानपान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जिसमें सही भोजन, पर्याप्त पानी, और सक्रिय जीवनशैली शामिल है।
इसलिए, एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए हमें अपने आहार को प्राथमिकता देनी होगी, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करानी होगी, और पोषण के सही सिद्धांतों को अपनाना होगा। यही वह रास्ता है जो हमें शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में सशक्त बनाए रखता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।