बिहार की राजनीति में एक बार फिर तेजस्वी यादव ने बिगुल बजा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि इस बार बिहार परिवर्तन के लिए वोट करेगा, और 14 नवंबर 2025 की तारीख “बिहार के सुनहरे भविष्य” के रूप में इतिहास में दर्ज होगी।
“जब मैं बिहार का C.M. — यानी Change Maker बनूंगा, कोई बेरोजगार नहीं रहेगा”
तेजस्वी यादव ने कहा, “जब आप बिहार के C.M यानी Change Maker बनेंगे, तो बिहार में कोई ऐसा घर नहीं बचेगा जिसमें हमारे भाई-बहन बेरोजगार रहेंगे। तेजस्वी सबको नौकरी देगा।”
तेजस्वी ने जनता से कहा कि 14 नवंबर 2025 की तारीख को याद रखिए, क्योंकि यह दिन बिहार के परिवर्तन, विकास और बुलंदी की शुरुआत का प्रतीक बनेगा। “जब इतिहास के पन्ने पलटे जाएंगे, तो यह तारीख स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी — क्योंकि यही वह दिन होगा जब बिहार का भाग्य बदलेगा।”
“परिवर्तन का बिगुल बज चुका है, जनता की जीत का शंखनाद हो चुका है”
तेजस्वी यादव ने कहा कि अब पूरे मनोयोग और ऊर्जा के साथ हर बिहारवासी को महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए जुट जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार के युवा बेरोजगारी को खत्म करने के लिए वोट करेंगे। “हमने जो काम 17 महीनों में किया, वो NDA सरकार 17 साल में नहीं कर पाई। अब हम 20 साल की तबाही को सिर्फ 20 महीनों में ठीक करके दिखाएंगे।”
20 साल का हिसाब: “दुःख, पीड़ा, भ्रष्टाचार और कुशासन की दास्तान”
तेजस्वी ने नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “20 साल से बिहार ने क्या-क्या नहीं सहा — अपराध, भ्रष्टाचार, घोटाले, महिला उत्पीड़न, पेपर लीक, घूसखोरी, जनादेश की चोरी, बेरोजगारी, बाढ़-सुखाड़, स्कूल-अस्पताल की दुर्दशा, और अफसरशाही की तानाशाही।”
उन्होंने कहा कि जनता अब इन सब आफ़तों से छुटकारा चाहती है। “बिहार अब खटारा, नकारा, निकम्मी और भ्रष्ट सरकार से मुक्त होना चाहता है। अब यह मौक़ा बिहार हाथ से नहीं जाने देगा।”
“बिहार को चाहिए साहसी और विजनरी मुख्यमंत्री”
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो “अचेत और मानसिक रूप से बीमार न हो, बल्कि जो बिहार के हक के लिए शेर की तरह गरजना जानता हो।”
उन्होंने कहा कि जनता अब ऐसा नेता चाहती है जो “गरीबों, दलितों, शोषितों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ सके, अपराधियों को थर्राने पर मजबूर कर दे, और भ्रष्टाचार का सफाया कर दे।”
“नए बिहार का उत्सव शुरू — 14 नवंबर को होगा परिवर्तन पर्व”
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव की तारीख सिर्फ एक राजनीतिक घोषणा नहीं है, बल्कि बिहार के उत्सव की शुरुआत है। “दिवाली और छठ पूजा के बाद जब 14 नवंबर आएगा, तब बिहार का 20 साल का इंतजार खत्म होगा। यह महात्यौहार होगा — दुख और तकलीफों के अंत का। उस दिन हर बिहारवासी बनेगा Change Maker — नए बिहार का भाग्यविधाता।”
“तेजस्वी का विज़न — नौकरी, न्याय और नया बिहार”
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने के साथ ही पहले दिन से बिहार परिवर्तन की नई गौरव गाथा लिखना शुरू कर देगा। उन्होंने दोहराया कि हर घर में नौकरी, हर परिवार में सुरक्षा और हर गांव में विकास उनका मिशन है। “हमारा बिहार अब भीख नहीं मांगेगा — अब बिहार अपने हक, अपने हौसले और अपने हुनर से नई कहानी लिखेगा।”
राजनीतिक विश्लेषण:
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, तेजस्वी यादव का यह भाषण न केवल एक चुनावी अपील है, बल्कि एक युवा-आधारित आंदोलन की घोषणा भी है। उनका “Change Maker” अभियान युवाओं के रोजगार और आत्मसम्मान को केंद्र में रखता है, जिससे वे 20 साल के शासन-विरोधी मूड को पूरी तरह अपने पक्ष में बदलना चाहते हैं।
बिहार की सियासत अब सीधी टक्कर की ओर बढ़ रही है।
एक तरफ 20 साल का अनुभव और सत्ता की तथाकथित स्थिरता, दूसरी तरफ तेजस्वी यादव की युवा ऊर्जा और “Change Maker” का सपना। 14 नवंबर 2025 — क्या यह सचमुच बिहार के परिवर्तन का दिन बनेगा? इतिहास इसका फैसला करेगा, लेकिन जनता के मूड से इतना तो साफ़ है — बदलाव का मौसम शुरू हो चुका है।